माध्यमिक विद्यालय नवीनीकरण मिशन के तहत यूपी बोर्ड ने प्रदेश में संबद्ध 28 हजार से अधिक स्कूलों का वेबपेज अपनी वेबसाइट पर पहचान नाम से अपलोड किया है। दिलचस्प बात ये है कि अपने अधीन शिक्षा प्रदान कर रहे स्कूलों की पहचान बताने के मामले में यूपी बोर्ड ने सीबीएसई को भी पीछे छोड़ दिया है। यूपी बोर्ड ने पहचान लिंक के माध्यम से स्कूलों की जितनी जानकारी उपलब्ध कराई है, उतनी सूचनाएं सीबीएसई या अन्य किसी बोर्ड की वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि स्कूलों के वेब पेज बनवाने का काम मुख्यमंत्री योगी की 100 दिन की कार्ययोजना में भी सम्मिलित था।
उत्तर प्रदेश में कुल 28 हजार से अधिक स्कूल यूपी बोर्ड से संबद्ध हैं। इनमें 20875 वित्त विहीन, 4528 सहायता प्राप्त और 2332 राजकीय विद्यालय शामिल हैं। यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किए गए इन स्कूलों के वेब पेज का उद्देश्य छात्रों एवं अभिभावकों को उनके क्षेत्र के स्कूलों के विषय में जानने-पहचानने का अवसर देना है। यहां स्कूल से जुड़ी लगभग हर जानकारी उपलब्ध है। इसमें स्कूल की मान्यता का वर्ष, गूगल लोकेशन, जिला मुख्यालय से दूरी, छात्रों को मिलने वाली सुविधाएं, छात्रों एवं शिक्षकों की संख्या, बीते 5 वर्ष की बोर्ड परीक्षा के नतीजे इसमें शामिल हैं। इसके अलावा 10 साल के संपूर्ण रिजल्ट, पंजीकरण की स्थिति, स्कूल की उपलब्धियां, महत्वपूर्ण अवस्थापना सुविधा और हाइपर लिंक भी यहां मिल जाएगा।
पोर्टल पर प्रत्येक स्कूल का पहचान रिपोर्ट कार्ड भी उपलब्ध है। इसमें स्कूल की राज्य और जिले स्तर पर रैंकिंग के साथ ही सात स्टार में से रेटिंग दी गई है। इसके अलावा 6 बिंदुओं पर स्कूल की ग्रेडिंग की भी व्यवस्था है। यदि किसी छात्र ने राज्य या जिले स्तर पर रैंक हासिल की है तो उसकी पूरी जानकारी भी यहां मिल जाएगी। इसके अतिरिक्त स्कूल की जिले और राज्य स्तर की रैंकिंग भी इसमें दी गई है। पहचान स्कोर के आकलन का उद्देश्य विद्यालयों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित करना है ताकि विद्यालयों में छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक और आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। साथ ही गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के माध्यम से विद्यालय के छात्रों द्वारा बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा सके।
यूपी बोर्ड के पोर्टल upmsp.edu.in पर बाईं ओर कई लिंक दिए गए हैं और सबसे पहला लिंक ही पहचान का है। इस पर क्लिक करने के बाद जो पेज खुलेगा उस पर जनपद, तहसील, ब्लॉक, विद्यालय का प्रकार (वित्तविहीन, अशासकीय या राजकीय) चुनना होगा। इसके बाद आखिरी विकल्प में स्कूल का नाम मिल जाएगा। स्कूल चुनने के बाद इसकी सारी जानकारी स्क्रीन पर सामने होगी। इस प्रयास के जरिए सरकार यूपी बोर्ड से जुड़े स्कूलों को सीबीएसई या अन्य स्कूलों के मुकाबले बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा में प्रोत्साहित करना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी संदेश है कि माध्यमिक विद्यालय नवीनीकरण मिशन के तहत लगभग 30 हजार माध्यमिक विद्यालयों के बुनियादी ढांचे का कार्य प्रगति पर है।
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