फ्रांस यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उसकी बात को बहुत गंभीरता से लिया जाता है। राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों यूरोपीय संघ में एक बड़ा कद रखते हैं और दुनिया की महत्वपूर्ण घटनाओं के संदर्भ में यूरोपीय संघ के मत का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर वे भारत को G-20 की अध्यक्षता दिए जाने के बारे में कोई टिप्पणी कहते हैं तो उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने जिस तरह एक ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की खुलकर तारीफ की है उसे कई मायनों बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी एक फोटो साझा करते हुए ट्वीट किया है। ट्वीट में मैक्रों ने मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है, “एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य! भारत ने जी—20 की अध्यक्षता संभाली है। मैं अपने दोस्त नरेंद्र मोदी पर यकीन करता हूं कि वह हमें शांति और अधिक स्थायी दुनिया बनाने के लिए एकसाथ लाएंगे”। उल्लेखनीय है कि सिर्फ फ्रांस ही नहीं, अमेरिका सहित अन्य कई देश भी मोदी के नेतृत्व वाले भारत के हाथ में अध्यक्षता आने से उत्साहित हैं और उम्मीद जता चुके हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में जी20 शिखर सम्मेलन एक निर्णायक सम्मेलन होगा।
भारत के जी-20 एजेंडा में एक बहुत उल्लेखनीय प्रयास का जिक्र है। वह यह कि भारत जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता तथा अपनी 75 वर्ष की उपलब्धियों तथा प्रगति को सबके सामने रखेगा।
यहां यह जानना जरूरी है कि गत एक दिसंबर 2022 को भारत ने जी-20 गठबंधन का नेतृत्व हाथ में लिया है। इसे भारत की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण मौका माना जा रहा है। गत सप्ताह अपने एक ब्लॉग में मोदी ने उल्लेख किया था कि भारत का जी—20 का एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई की ओर देखने वाला और निर्णायक रहेगा। उन्होंने लिखा था, ‘दुनिया आज जिन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, उनको साथ मिलकर काम करने से ही सुलझाया जा सकता है। आइए, हम भारत की जी—20 की अध्यक्षता को उपचार, सद्भाव तथा आशा की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट हो जाएं’।
भारत के जी—20 एजेंडा में एक बहुत उल्लेखनीय प्रयास का जिक्र है। वह यह कि भारत जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता तथा अपनी 75 वर्ष की उपलब्धियों तथा प्रगति को सबके सामने रखेगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी किया है। बयान में है कि भारत अपनी अध्यक्षता में अगले साल 9—10 सितंबर को जी-20 गठबंधन के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है।
मंत्रालय का बयान बताता है कि इस संबंध में सम्मेलन की तैयारियों का अंतिम रूप देने पर काम चल रहा है। बता दें कि भारत इस सम्मेलन को एक बड़े पैमाने पर आयोजित करने की योजना बना रहा है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इतने बड़े पैमाने पर शायद और कोई सम्मेलन नहीं हुआ होगा।
आगामी सितम्बर में होने जा रहे इस शिखर सम्मेलन में भारत के 75 प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रों को शामिल किया जाएगा। सम्मेलन स्थल बेहद आकर्षक बनाया जाएगा। ऑडियो-वीडियो माध्यमों से देश को सम्मेलन की प्रगति की सारी जानकारी दी जाएगी। रेडियो के माध्यम से भी प्रचार किया जाएगा। जी-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) जैसे बड़े देश और मंच सम्मिलित हैं।
मोदी द्वारा रेखांकित किए जी—20 की आगामी बैठक के महत्वपूर्ण एजेंडे के संदर्भ में ही संभवत: राष्टपति मैक्रों ने उत्साह से भरी उक्त टिप्पणी की है। और सिर्फ मैक्रों ही नहीं, राष्ट्रपति जो बाइडेन भी भारत की अगुआई में जी—20 शिखर सम्मेलन को लेकर काफी आशान्वित हैं।
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