दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में रविवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली और कई अन्य क्षेत्रों में अनेक लोग मतदाता सूची से नाम गायब होने के कारण वोट नहीं डाल सके। भाजपा ने राज्य चुनाव आयुक्त के समक्ष इस बात की शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी ने कहा है कि वह ऐसे स्थानों पर चुनाव रद्द करने की भी मांग करेंगे।
एमसीडी के 250 वार्डों के लिए रविवार को सुबह जब मतदान शुरु हुआ तो उत्तर-पूर्वी दिल्ली और कई अन्य क्षेत्रों में लोगों ने शिकायत की कि मतदाता सूची में उनके नाम गायब थे। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दावा किया कि दिल्ली के सुभाष मोहल्ला वार्ड में 450 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं क्योंकि वे भाजपा का समर्थन करते हैं। उन्होंने वार्ड में चुनाव रद्द करने और फिर से चुनाव कराने की मांग की है।
मनोज तिवारी यहां यमुना विहार मतदान केंद्र सुभाष मोहल्ला वार्ड में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। भाजपा सांसद ने आगे आरोप लगाया कि यह दिल्ली सरकार की बड़ी साजिश है। मैं इसके खिलाफ शिकायत करूंगा और इस चुनाव को रद्द करने और फिर से चुनाव कराने की अपील करूंगा। तिवारी ने कहा कि मैंने राज्य चुनाव आयुक्त से बात की है और उनके पास शिकायत दर्ज कराई है। जरूरत पड़ने पर हम यहां चुनाव रद्द करने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि वह कानूनी विकल्प भी तलाशेंगे।
इससे पहले, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने दावा किया था कि जब वह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के लिए दल्लूपुरा मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचे तो उन्होंने मतदाता सूची से अपना नाम गायब पाया। इसके कारण वह वोट नहीं डाल सके। मीडिया से बातचीत में चौधरी ने कहा, “मेरा नाम न तो मतदाता सूची में है और न ही हटाई गई सूची में। मेरी पत्नी ने मतदान किया है। अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं।”
देर शाम इस पर दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी को मतदाता सूची से उनका गायब होने के संबंध में पत्र लिखा। राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि एमसीडी चुनावों के संचालन के लिए ईसीआई द्वारा तैयार मतदाता सूची को केवल अपनाया गया है। राज्य चुनाव आयोग के पास कोई भी नाम जोड़ने या हटाने का कोई अधिकार नहीं है। आप इस मामले को सीईओ के समक्ष उठा सकते हैं।
इसके अलावा खजूरी खास, भजनपुरा, कृष्णा नगर (पूर्वी दिल्ली), खजूरी, जहांगीर पुरी, द्वारका इलाकों में भी इस प्रकार की शिकायते मिलीं। वहीं उत्तर पश्चिम जिले के कटेवारा गांव के ग्रामीणों ने बुनियादी सुविधाओं के अभाव को मुद्दा बनाते हुए चुनाव का बहिष्कार किया। लोगों का कहना था कि गांव में सड़क, नालियां जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्होंने एमसीडी चुनाव का बहिष्कार किया है। उनका कहना था कि जब तक अधिकारी हमारी शिकायत नहीं सुनेंगे, हम वोट नहीं देंगे।
टिप्पणियाँ