हिमाचल प्रदेश में सेब किसानों के बगीचों से ड्रोन के जरिए पेटी ढुलान का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इस बारे में एक निजी कंपनी ने प्रयोग किया जो सफल रहा। पहले प्रयोग में बीस किलो की पेटी को करीब चार किमी हवाई मार्ग से ले जाया गया है।
जानकारी के मुताबिक हिमाचल सरकार पहले से ही सुदूर इलाकों में ड्रोन के जरिए दवाएं पहुंचाने का काम कर रही थी। दवाइयों के बाद ड्रोन का इस्तेमाल सेब की पेटी को सुदूर इलाकों से सड़क तक लाने के लिए किया जाएगा। बागवान विभाग ने किन्नौर में इस बारे में एक निजी कंपनी के साथ मिलकर प्रयोग किया है। कंपनी ने अपने पहले प्रयोग में बीस किलो की पेटी को करीब चार किमी हवाई मार्ग से ढोया और ये दूरी करीब छह मिनट में पूरी हो गई।
विग्रो कम्पनी के अधिकारी ने बताया कि हम बीस किलो प्रयोग के तौर पर लाए हैं और हमारे पास 150 किग्रा लाने की क्षमता के ड्रोन भी हैं। बागवान अधिकारी मनोज मेहता ने बताया कि ड्रोन का उपयोग सफल रहा है। बाहर मुल्कों में ये तकनीक अपनाई जा रही है। घोड़े, खच्चर या कुली की ढुलाई अभी तक सेब को लाने के लिए उपयोग में लाई जाती थी। इससे समय बचेगा।
उन्होंने कहा इस बारे में सरकार से ड्रोन पॉलिसी के तहत माल ढुलाई का रेट तय करने के लिए अनुरोध किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक हिमाचल सरकार अभी मंडी, चंबा, लाहौल स्फीति में ड्रोन के जरिए ऊंचे ठंडे पहाड़ी इलाकों में जीवन रक्षक दवाएं पहुंचा रही है।
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