हथियारों की बिक्री में दलाली खाने और अन्य कई कर से जुड़े अपराधों का आरोपी संजय भंडारी आखिरकार जल्दी ही भारत को सौंपा जाएगा। ब्रिटेन की एक अदालत ने कल इस बारे में अपना फैसला सुनाया है। ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही दिन के अंदर भारत की दृष्टि से यह एक बड़ी खबर आई है।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, ब्रिटेन की एक अदालत ने एक मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के बाद कल यह फैसला सुनाया है कि हथियारों के सौदों में दलाली खाने के आरोपी दलाल संजय भंडारी को कर चोरी तथा धनशोधन से जुड़े कई आरोपों में भारत की न्यायपालिका के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
ब्रिटेन में भंडारी के विभिन्न मामलों पर लंबी बहस चली। जिसके बाद अदालत ने भारत की अपील को सही ठहराते हुए भंडारी के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दिखाई है। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ही लेंगी।
ब्रिटेन में छुपे बैठे 60 साल के संजय भंडारी पर वित्तीय धांधलियों के अनेक आरोप हैं। उस पर कर चोरी के आरोप हैं तो धनशोधन के भी कुछ गंभीर आरोप भी हैं। उसके प्रत्यपर्ण के लिए भारत की ओर से अनुरोध किया गया था। इसी विषय में ब्रिटेन में भंडारी के विभिन्न मामलों पर लंबी बहस चली। जिसके बाद अदालत ने भारत की अपील को सही ठहराते हुए भंडारी के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दिखाई है। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ही लेंगी।
उल्लेखनीय है कि जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने इस वर्ष की शुरुआत में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर जज की अदालत में इस मुकदमे की सुनवाई शुरू की थी। कल अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति स्नो ने कहा कि संजय भंडारी के प्रत्यर्पण पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है। अदालत ने इस मामले को ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भेजना तय किया है। गृहमंत्री सुएला ही हैं जो अदालत से आए इस फैसले को आधार बनाकर प्रत्यर्पण का औपचारिक आदेश दे सकती हैं।
इससे पूर्व भारत सरकार ने ब्रिटेन को यह आश्वासन दिया था कि आरोपी संजय भंडारी को सुनवाई के दौरान नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में सभी जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं से युक्त एक अलग कमरे में रखा जाएगा। अदालत ने भारत सरकार की इस आश्वस्ति पर गौर किया है। यहां बता दें कि भंडारी को लेकर भारत सरकार के प्रत्यर्पण के अनुरोध को ब्रिटेन की उस वक्त की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में ही प्रमाणित कर दिया था। 2020 में ही जुलाई माह में संजय भंडारी को प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
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