ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) से यह पूछा है कि शिवलिंग को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाए बगैर कार्बन डेटिंग हो सकती है? अगली तारीख पर एएसआई को अपने जवाब में यह बताना होगा कि शिवलिंग को बिना कोई नुकसान पहुंचाए कार्बन डेटिंग हो सकती है या नहीं.
उल्लेखनीय है कि वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है. इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है.
बता दें कि ज्ञानवापी – श्रृंगार गौरी केस में जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत ने हिन्दू पक्ष की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग को खारिज कर दिया था. जनपद न्यायालय के अनुसार ज्ञानवापी परिसर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पर सील किया गया है. लोगों की जनभावना जुड़ी है. कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में 16 मई को परिसर में शिवलिंग की बात सामने आई थी. इसलिए शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया था.
जिला न्यायालय से इस पर कोई भी आदेश देना, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उलंघन होगा। पुरातात्विक सर्वेक्षण का निर्देश दिया जाना उचित नही होगा। हिन्दू पक्ष की वादिनी राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता शिवम गौड़ ने का कहना था कि कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग को न्यायालय ने खारिज कर दिया है. वहीं, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
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