संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत एक बार फिर आतंकवाद और उसके सहयोगियों पर जमकर बरसा। भारत ने उन देशों को आड़े हाथों लिया जो आतंकवाद के प्रति नरमी दिखाते हैं। संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय फोरम में भारत ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना उन्हें इस मुद्दे पर एक तरह से पूरी दमदारी के साथ आईना दिखाया है।
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में कल भारत के सचिव विनय कवात्रा ने अपना वक्तव्य रखते हुए पाकिस्तान और चीन की ओर इशारा किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए हमें मिलकर वैश्विक पैमाने पर काम करना होगा।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि हमें उनसे सवाल पूछना चाहिए जो आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह उपलब्ध कराते हैं और यूएनएससी की पाबंदियों को लेकर उनके बचाव में आगे आते हैं। भारत के विदेश सचिव कवात्रा ने यह वक्तव्य घाना की अध्यक्षता में संपन्न हुई 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की खुली बहस में भाग लेते हुए रखा। इस बार बैठक का विषय था शांति स्थापना और स्थायी शांति।
कवात्रा ने आगे कहा कि आतंकवाद से पैदा हुई खतरे के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर आवाज उठाने की जरूरत है। जहां जहां इस आतंकवाद का खतरा है, हमें उस देश के सुरक्षाबलों को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में ध्यान देना चाहिए। हमें आतंकवादी ताकतों तक पैसे की पहुंच रोकने के लिए साथ में आना होगा और सामूहिक रूप से उन लोगों को तलब किया जाना चाहिए जो आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं और इतना ही नहीं उनके साथ खड़े होकर उनके बचाव में आगे रहते हैं।
बैठक के दौरान भारत के विदेश सचिव क्वात्रा ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरेस सहित संयुक्त राष्ट्र के कई बड़े नेताओं से चर्चा—वार्ता की और अनेक विषयों पर विचार किया। कवात्रा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी से भी अलग से भेंट की तथा उन्होंने सत्र के लिए पीजीए की प्राथमिकताओं और इनमें भारत की हिस्सेदारी के संबंध में बात की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने कल इस बारे में एक ट्वीट करके क्वात्रा की विभिन्न बैठकों की जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आगे बोलते हुए कवात्रा ने शांति अभियानों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि शांति की रक्षा के लिए दुनियाभर में विभिन्न अभियानों में लगभग 5,800 भारतीय सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। ये अभी चल रहे संयुक्त राष्ट्र के कुल 12 में से 9 शांति अभियानों में सम्मिलित हैं।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने बिना लाग—लपेट आतंकवाद पर कड़ा प्रहार किया है। खुद प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और उसके आका चीन को इशारों ही इशारों में आतंकवाद को शह देने से बाज आने को कह चुके हैं जिसके बाद अधिकांश सदस्य देशों ने मोदी के स्पष्ट बोलने को लेकर उनकी तारीफ की है।
इसी तरह, पिछले दिनों मुम्बई में हुई यूएनएससी की विशेष बैठक में भी भारत ने मुंबई हमलों को लेकर पाकिस्तान की कलई खोल कर रख दी थी। बैठक में भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने एक ऑडियो बातचीत सुनवाई गई थी, जिसमें हमले में शामिल जिहादियों से पाकिस्तान में बैठा उनका एक आतंकी आका बात कर रहा था और वहीं से उन्हें निर्देश दे रहा था।
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