अफसरों की लापरवाही से पीएम गरीब कल्याण योजना का 46 हजार मैट्रिक टन गेहूं लैप्स हो गया। यह गेहूं हर माह केंद्र देता है, जो राज्य के 4.25 करोड़ लोगों को निशुल्क बांटा जाता है। खाद्य विभाग के सचिव ने यूटिलिटी सर्टिफिकेट तक नहीं भेजा। हर क्वार्टर में इसके आधार पर ही आवंटन होता है और यही कारण रहा की गेहूं लैप्स हो गया।
वहीं इस मामले को लेकर गहलौत सरकार के खाद्यमंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर स्पष्ट तौर पर उनके प्रमुख शासन सचिव कुलदीप राका पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि उनके विभाग का शासन सचिव आशुतोष पैडणेकर ने जानबूझकर प्रदेश के 46000 टन गेहूं लैप्स करवा दिया।उन्होंने पत्र में कहा है कि मैंने समय रहते हुए विभाग की बैठक बुलाई थी लेकिन नहीं सुनी गई और इतना बड़ा नुकसान तो देश को हुआ है।
राजस्थान के खाद्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि आईएएस अधिकारी मंत्रियों का कहना नहीं मानते इससे विभाग के कामकाज में परेशानी आती है और जनता के हित के काम भी नहीं हो पाता। जिस तरह आईएएस अफसर काम कर रहे हैं। वह सही नहीं है। मंत्री खाचरियावास ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से अधिकारीयों की एसीआर लिखने के अधिकार की भी मांग कर डाली।
खाचरियावास ने कहा कि मैंने सीएम के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका को फोन किया। सीएम के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी नहीं है क्या? यह सवाल भाजपा कांग्रेस का नहीं है। खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि अधिकारियों की गलती से राशन की दुकानों पर सिर फूट गए। मैं तो वह आदमी हूं, जो सड़क पर लड़ता है। मेरा डिपार्टमेंट ऑनलाइन है। करप्शन नहीं हो सकता। जो भी आईएएस इस विभाग में आता है। वह यही सोचता है कि यहां क्या करेंगे? बाद में ये अधिकारी दूसरी जगह मनचाहे डिपार्टमेंट में चले जाते हैं। मैं बहुत नाराज हूं।
खाचरियावास ने आगे कहा कि सरकार के बार-बार आदेश जाने के बावजूद कई बार गड़बड़ हुई। जिस अफसर ने गड़बड़ी की। उसे अक्षय उर्जा निगम में प्राइम पोस्टिंग पर भेज दिया। उस जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई करने की जगह उसे अच्छे डिपार्टमेंट में भेज दिया। मैंने सीएम से पत्र लिखकर ऐसे अधिकारी आशुतोष पैडणेकर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। मंगलवार को मैंने सीएस उषा शर्मा को भी फोन किया।
जनता एमएलए मंत्री को जितवाकर भेजती है, उसे देवदूत बनाकर भेजती है, अधिकारी अगर उस मंत्री की बात नहीं मानेंगे,मंत्री कमजोरी की बात कहता हुआ अच्छा नहीं लगता। खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यदि कोई अधिकारी रूल्स ऑफ बिजनस को नहीं माने तो मंत्री क्या करेगा? यह तो मैं हूं और लड़ाका हूं और मेरी आदत गलत के खिलाफ संघर्ष करने की है। और कोई मंत्री होता तो यह बात बाहर ही नहीं आती। जनता का गेहूं लैप्स करवाने वाले अफसर की वजह से कितना नुकसान हो गया। मैंने इसीलिए सीएम गहलोत से कार्रवाई को कहा है।
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