चीन में कोरोना के बढ़ते प्रकोप से परिस्थितियां कठिन होती जा रही हैं। वहां से सरकारी कड़ाई को लेकर आ रहे समाचार चिंताजनक हैं। कहीं लोग बंद कारखानों की दीवारें फांदकर भागने को मजबूर हैं, तो कहीं संदिग्ध कोरोना मरीजों को सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर क्रेन से उठाकर ‘आइसोलेशन’ केन्द्रों में ले जाया जा रहा है।
हैरान करने वाले ऐसे समाचारों में से एक झेंग्जू में स्थित आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री से आया है। सोशल मीडिया पर साझा हुए इसके वीडियो में जो दिख रहा है उससे साफ होता है कि लोग जीरो टॉलरेंस के नाम पर हो रही सख्ती से कितने तंग आ चुके हैं और किसी तरह अपनी ‘जान बचाने’ के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं।
चीन के हेन्नान प्रांत के झेंग्जू में कोरोना वायरस का प्रकोप फिर से बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस वजह से सरकार ने वहां लॉकडाउन लगा दिया है। इसी झेंग्जू में आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी फैक्ट्री है। वहां लॉकडाउन लगाए जाने के वक्त सैकड़ों कामगार काम कर रहे थे। लेकिन बाहर निकलने से मना कर दिए जाने के बाद अंदर हालात इतने खराब हो चले थे कि उनमें से कई दीवारें और बाड़ फांदकर बाहर कूद जाने को मजबूर हो गए थे। वीडियो में साफ दिखता है कि कैसे खतरा मोल लेते हुए कई कर्मचारी फैक्ट्री की दीवारें फांद रहे हैं। (देखें वीडियो)
Workers have broken out of #Apple’s largest assembly site, escaping the Zero #Covid lockdown at Foxconn in #Zhengzhou. After sneaking out, they’re walking to home towns more than 100 kilometres away to beat the Covid app measures designed to control people and stop this. #China pic.twitter.com/NHjOjclAyU
— Stephen McDonell (@StephenMcDonell) October 30, 2022
इस संबंध में मीडिया में आए समाचारों के अनुसार, झांग्जू की इस फैक्ट्री में बड़ी संख्या में कर्मचारी काम करते हैं। बताते हैं, दुनिया में सबसे ज्यादा आईफोन इसी फैक्ट्री में बनाए जाते हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण यहां लॉकडाउन लगा दिया गया है। हालत यह हो गई है कि लोगों को खाने—पीने तक के सामान की किल्लत हो गई है। जेब में पैसे नहीं बचे हैं। इससे कई तरह की मुश्किलें पेश आ रही हैं। आने—जाने की गाड़िया बंद हैं लिहाजा लोग रात हो या दिन, पैदल ही अपने घरों को जाने के लिए मजबूर हैं।
झेंग्जू में एप्पल के आईफोन की फॉक्सकॉन फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों ने फैक्ट्री में कैद रहने से तंग आकर वहां की दीवारें फांदकर भाग निकलने में ही भलाई समझी। कई लोग तो वाहन न होने से सौ किमी. दूर स्थित अपने घर की तरफ पैदल ही निकलने को मजबूर थे। झेंग्जू में फिलहाल कोरोना वायरस से कितने लोग महामारी की चपेट में आ चुके हैं, इसका कोई सरकारी आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। लेकिन हालात इतने खराब हैं कि सड़क पर यातायात से लेकर ज्यादातर फैक्ट्रियों पर ताले जड़ दिए गए हैं।
जैसे पहले बताया, सोशल मीडिया पर इस सबके कुछ वीडियो साझा किए गए हैं जो अब वायरल हो चुके हैं। वीडियो में फॉक्सकॉन के कामगार फैक्ट्री की दीवारें फांदकर भागते दिख रहे हैं। कहा यह भी गया है कि वहां कुछ कोरोना संक्रमितों को क्वारंटीन किया गया है, ये वही लोग हैं जो वहां क्वारंटीन होकर भूखे—प्यासे पड़े रहने को मजबूर कर दिए गए थे। इसीलिए वहां से भाग निकलने के अलावा उनको कोई रास्ता नहीं सूझा। इनमें से ज्यादातर लोगों की शिकायत थी कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है।
चीन की कम्युनिस्ट सरकार की असंवेदनशीलता का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा हुआ है। इसमें कोरोना लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है। इतना ही नहीं, संदिग्ध संक्रमितों और कोरोना पॉजिटिव लोगों को क्रेन से उठाकर वाहन में बैठाते दिखाया गया है।
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