गाजियाबाद के नंदग्राम क्षेत्र में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला पुलिस जांच में फर्जी निकला है। आईजी प्रवीण कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे प्रकरण का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की घटना महज प्रॉपर्टी के विवाद के चलते कथित पीड़ित महिला व उसके अन्य तीन साथियों ने मिलकर रची थी। पुलिस ने इस पूरे मामले में महिला के मित्र व उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।
आईजी मेरठ प्रवीण कुमार ने बताया कि थाना नंदग्राम क्षेत्र अंतर्गत दिल्ली की रहने वाली एक महिला को अगवा कर उसके साथ 5 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया था। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कथित पीड़ित महिला को सबसे पहले जिला एमएमजी अस्पताल भेजा गया। लेकिन महिला ने अपना उपचार कराने वह मेडिकल परीक्षण के लिए साफ तौर पर इंकार कर दिया। उसके बाद चिकित्सकों ने उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज / हायर सेंटर रेफर किया। लेकिन महिला ने अपना उपचार दिल्ली स्थित ज़ीटीबी अस्पताल में कराने की इच्छा जाहिर की तो उसे जीटीबी अस्पताल में भर्ती किया गया।
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि उधर इस पूरे मामले में कथित पीड़ित महिला के भाई की तरफ से थानानंद ग्राम में 5 लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई। जिसके बाद चार लोगों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई, तो कई ऐसे तथ्य सामने आए जिसमें पुलिस को इस पूरे प्रकरण पर संदेह हुआ। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद की पुलिस अधीक्षक अपराध डॉक्टर दीक्षा शर्मा खुद एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुकी हैं। उसके बाद ही वह आईपीएस चयनित हुई। उन्होंने और क्षेत्राधिकारी द्वितीय आलोक दुबे ने जीटीबी अस्पताल पहुंचकर महिला का उपचार कर रही चिकित्सकीय टीम से जनता से पूरी जानकारी की। उधर पुलिस ने हर एंगल पर जांच शुरू कर दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने जो गहनता से जांच की तो पता चला कि कथित पीड़िता का मित्र आजाद निवासी कबीर नगर थाना वेलकम दिल्ली ने महिला के मोबाइल का स्विच ऑफ किया था, जहां पीड़िता मिली है। उसी रास्ते पर मिलने के समय के आस पास में घूमता रहा। पुलिस ने आजाद के मोबाइल को खंगाला तो पता चला कि आजाद के फोन से जो साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिसमें दुष्कर्म की इस खबर को बढ़ा चढ़ाकर प्रसारित कराया जाए। इतना ही नहीं एक व्यक्ति विशेष को पेटीएम से इसके प्रचार-प्रसार के लिए भी भुगतान के साक्ष्य भी पुलिस को मिल गए हैं।
इसके अलावा आजाद के फोन में कूट रचित ढंग से आधार कार्ड बनाए। इस प्रकरण में अलग से एक मुकदमा पंजीकृत करने के भी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। जब उन्हें मुकदमा पंजीकृत कराने के बाद भी कामयाबी नहीं मिल पाई तो आजाद ने अपने मित्र गौरव निवासी निर्मला आश्रम शिवम गार्डन अच्छा थाना बादलपुर गौतम बुध नगर और अफजाल पुत्र इकबाल निवासी इस्लामनगर कैला भट्टा ने पीड़िता के माध्यम से जमीन के विवाद का समाधान निकालने के लिए षडयंत्र रचा गया। जिसमें बलात्कार का आरोप संपत्ति पर कब्जा करने के लिए किया गया था।
आईजी प्रवीण कुमार का कहना है कि इस पूरे मामले में इन तीनों अभियुक्तों के खिलाफ तमाम सबूत मिल चुके हैं। फिलहाल तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर महिला के खिलाफ भी मामला दर्ज कर मामले में वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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