बीसी समूह की मिठाइयां शुद्ध, कृत्रिम रंग व कोलेस्ट्रॉल मुक्त होती हैं।
गुणवत्ता व स्वाद के कारण इनकी दुनियाभर में मांग है
राजस्थान के बीकानेर की बीकानेरी भुजिया व मिठाई देश-दुनिया में विख्यात है। करीब 200 वर्ष पूर्व भीखाराम अग्रवाल ने बीकानेर में ‘भीखाराम चांदमल’ नाम से एक छोटी दुकान खोली। पहले वे भुजिया बनाते थे। बाद में मिठाई भी बनाने लगे। इस तरह छोटी दुकान अब 200 करोड़ रुपये का ब्रांड है। ‘भीखाराम चांदमल’ समूह यानी बीसी समूह पापड़, भुजिया, नमकीन और मिठाइयों सहित 125 तरह के उत्पाद बनाता है। यह दुनिया के 28 देशों को अपने उत्पाद निर्यात करता है।
भीखाराम अग्रवाल के दो पुत्र थे— बद्रीदास और चांदमल। चांदमल के तीन पुत्र हुए- हल्दीराम, मोहनलाल और किशन गोपाल। मोहनलाल ने अपने दादा और पिता के नाम पर स्थापित दुकान को ऊंचाई पर पहुंचाया। बीसी की भुजिया, मिठाई और अन्य उत्पाद स्वाद, शुद्धता व गुणवत्ता के मामले में विशेष स्थान रखते हैं।
उन्होंने लाभ कमाने के लिए उत्पाद की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया। मोहनलाल के चार पुत्र हुए- रामकिशन, मदनलाल, नवरतन, हरिराम। इनमें रामकिशन और मदनलाल का कुछ दिन पूर्व निधन हो गया। मोहनलाल ने ही सबसे पहले भुजिया में लोंगी मिर्च और गरम मसाले का प्रयोग किया था।
उनकी चौथी पीढ़ी ने न सिर्फ इस उत्पाद की गुणवत्ता कायम रखी, बल्कि व्यापार को भी नई ऊंचाई पर पहुंचाया और नवाचार करते हुए नए उत्पाद भी बाजार में उतारे। 1990 में नवरतन अग्रवाल और हरि राम अग्रवाल ने बीकानेर में पहली उच्च तकनीक वाली निर्माण इकाई स्थापित की, जिसका नाम सनशाइन फूड प्रोडक्ट्स रखा।
इसकी मिठाइयां बादाम लच्छा, फुलवाड़ी, चॉकलेट सोन पापड़ी, रसगुल्ला, रसमलाई पट्टी, मैंगो ट्विस्ट, गुलाब जामुन, बेसन लड्डू, अंजीर व खजूर डिलाइट, काजू कतली आदि काफी पसंद की जाती हैं। समूह के निदेशक आशीष अग्रवाल कहते हैं कि समय-समय पर चुनौतियां सामने आर्इं, जिनसे उबरने में समय लगा। लेकिन हमने गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया।
इस साल अप्रैल में समूह ने बीकानेर में एक भव्य शोरूम शुरू किया है। कंपनी की योजना नई तकनीक से युक्त संयंत्र लगाने की है ताकि उत्पादों को लंबे समय तक ताजा रखा जा सके। —
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