देश भर में करोड़ों महिलाओं को इस योजना के बूते धुएं से मुक्ति मिली है और अनुमान के अनुसार, लाखों महिलाएं धुएं से उत्पन्न होने वाले प्राणलेवा रोगों के चंगुल में आने से बच गई हैं। लेकिन फिर भी, इसमें मील का एक पत्थर हिमाचल प्रदेश का भी है।
धुएं से होने वाली बीमारियों से विशेषकर गृहणियों को बचाने और महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी। इस योजना का मकसद पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देना था।
देश भर में करोड़ों महिलाओं को इस योजना के बूते धुएं से मुक्ति मिली है और अनुमान के अनुसार, लाखों महिलाएं धुएं से उत्पन्न होने वाले प्राणलेवा रोगों के चंगुल में आने से बच गई हैं। लेकिन फिर भी, इसमें मील का एक पत्थर हिमाचल प्रदेश का भी है। कैसे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की डबल इंजन वाली सरकार की सोच से महिलाओं को खाना पकाते वक्त चूल्हे के धुएं से छुटकारा दिलाने वाला देश का पहला चूल्हा धुआं मुक्त राज्य हिमाचल प्रदेश बना है। हिमाचल प्रदेश के हर घर में घरेलू एलपीजी गैस कनेक्शन मौजूद है।
मुख्यमंत्री गृहिणी योजना हिमाचल की महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। लकड़ी के ईंधन पर निर्भरता हुई कम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना की बदौलत न केवल महिलाओं के समय में बचत हो रही है बल्कि ईंधन के लिए लकड़ी पर निर्भरता कम हुई है। साथ ही महिलाओं के स्वास्थ्य पर धुंए से पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से भी मुक्ति मिली है। इन योजनाओं की वजह से महिलाओं का जीवन स्तर भी बेहतर हुआ है।
इसका पूरा श्रेय केंद्र की उज्ज्वला योजना और प्रदेश सरकार की गृहिणी सुविधा योजना को जाता है, जिनके बूते हिमाचल प्रदेश दिसंबर 2019 में ही देश का पहला एलपीजी युक्त और चूल्हा धुआं मुक्त राज्य बना। केंद्र सरकार की तर्ज पर और उसके साथ ही हिमाचल सरकार ने भी गृहिणी सुविधा योजना की शुरूआत की। इन दोनों योजनाओं के माध्यम से हिमाचल में केंद्र और हिमाचल सरकार ने 4 लाख 62 हजार से ज्यादा घरेलू एलपीजी कनेक्शन निशुल्क बांटे, जिन पर 142 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं।
हिमाचल सरकार ने खर्च किए 120 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की ओर से उज्ज्वला योजना के तहत 22.39 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल में 1.37 लाख निशुल्क घरेलू कनेक्शन दिए गए, जबकि हिमाचल सरकार की गृहिणी सुविधा योजना के तहत करीब 120 करोड़ रुपये खर्च कर 3.25 लाख गृहिणियों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मद में केंद्र की योजना के मुकाबले कहीं ज्यादा राशि खर्च की। मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना को शुरू करने का उद्देश्य उन परिवारों को निशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान करना था, जो केंद्र की उज्ज्वला योजना के दायरे में नहीं आए थे। उज्ज्वला योजना की तर्ज पर ही प्रदेश की जयराम सरकार ने मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना शुरू की।
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही उज्ज्वला योजना और प्रदेश की सरकार की मुख्यमंत्री गृहिणी योजना हिमाचल की महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। लकड़ी के ईंधन पर निर्भरता हुई कम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना की बदौलत न केवल महिलाओं के समय में बचत हो रही है बल्कि ईंधन के लिए लकड़ी पर निर्भरता कम हुई है। साथ ही महिलाओं के स्वास्थ्य पर धुंए से पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से भी मुक्ति मिली है। इन योजनाओं की वजह से महिलाओं का जीवन स्तर भी बेहतर हुआ है।
टिप्पणियाँ