पाञ्चजन्य के साबरमती संवाद में अमूल के प्रबंध निदेशक आर.एस.सोढ़ी ने भारत में गौ प्रेम को लेकर कहा कि भारत में गाय किसी भी परिवार में रहती हो, वो एक परिवार की सदस्य की तरह रहती है, और वो भी ऐसा सदस्य की तरह जिसकी आप सेवा करते हैं, और सेवा के बदले वो गाय आपको वापस प्यार और आर्थिक मूल्य देती है।
उन्होंने कहा कि दूध एक तरह से आर्थिक मूल्य की तरह होता है, जो आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है, क्योंकि जब गाय आपको दूध देगी तो उस दूध को बेचकर आप जो पैसा कमाएंगे, वो आर्थिक रूप से आपको मजबूत बनाएगा। तो गाय हमें प्यार देती है, साथ ही साथ आर्थिक मजबूत भी बनाती है, इसीलिए एक परिवार का सदस्य होने की वजह से हम गाय को गौ माता कहते हैं।
गाय हमारे बच्चों का पेट भरती है, एक मां की तरह गाय अपना दूध देती है। साथ ही उसके दूध को बेचकर जो पैसा मिलता है, उससे आपके घर का खर्च भी चलता है। उन्होंने सवाल पूछते हुए, कहा कि अब आप खुद बताइए कि ऐसा कौन करेगा, जो प्यार भी दे, और आर्थिक मदद भी करे, आर.एस.सोढ़ी बोले ऐसा सिर्फ एक मां और पिता ही करते हैं। इसलिए हम गाय को गौ माता कहते हैं।
आर.एस.सोढ़ी ने गाय और भैंस के दूध के पोषण में अन्तर को लेकर कहा कि गाय और भैंस के दूध में अन्तर होता है। गाय के दूध में जो फैट होता है, वो भैंस के दूध से तकरीबन आधा होता है। जबकि अगर बात प्रोटीन की करें, तो प्रोटीन की मात्रा में ज्यादा फर्क नहीं होता है। इसमें 5 से 10 प्रतिशत का फर्क होता है, उन्होंने कहा कि इसलिए गाय का दूध पाचन के हिसाब से अच्छा होता है, साथ ही यह छोटे बच्चों के लिए ज्यादा लाभकारी होता है। उन्होंने कहा कि गाय का दूध कुछ पीला होता है, जबकि भैंस का दूध सफेद होता है, पर टेस्ट अगर स्वाद की बात करें, तो भारत में लोगों को भैंस का दूध ज्यादा पसंद आता है।
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