पाञ्चजन्य के साबरमती संवाद में अमूल के प्रबंध निदेशक आर.एस.सोढ़ी ने अमूल की डार्क चॉकलेट जिसने पूरी दुनिया के डार्क चॉकलेट के व्यापार को पछाड़ कर रख दिया है, उसको लेकर आर.एस.सोढ़ी ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह दूध में किसानों को अच्छा भाव चाहिए, जो सस्ता हो, उसी तरह दक्षिण में कोको ग्रोअर्स और कम्प को-ऑपरेटिव अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उस कंपनी के एमडी से बात करता हूं, तो वो कहते हैं, कि जब हमारी किसानों से प्रतिबद्धता है, कि जो भी वो उत्पादन करेंगे उसे हम लेंगे। तो वो हमारी प्रतिबद्धता है, और उस पर ही हम काम करेंगे।
वहीं उसी के विपरीत बाकी जो दूसरी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं, वो देखती हैं कि अगर ब्याज दर कोको की कम हैं, तो वह कंपनी सारा माल बाहर से ही आयात कर लेती हैं, तो सोचिए जो बिचारा भारत का कोको का किसान है, वो क्या करे। वहीं उन्होंने कहा कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक कोको पेड़ को लगाकर उसमें फल आने तक चार से पांच साल तक का समय लगता है, जोकि काफी ज्यादा होता है।
उन्होंने कहा कि अब आप खुद सोचिए कि इतने लंबे वक्त बाद जिस फल को आना है, जिसकी आपको कोई प्रत्याभूति भी नहीं है, कि वो किस दाम में बिकेगा, तो सोचिए उस किसान के बारे में वह कितना परेशान और चिता में रहता होगा, और उसका माल ना लेकर हम बाहर से लें, तो वह किसान क्या सोचेगा उसपर क्या बीतेगी।
उन्होंने कहा कि भारत में हमने देखा कि चॉकलेट की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, लेकिन उसमें कोको की मात्रा कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी, उनका जो स्वाद है, वो बदल गया है, उन्हें ज्यादा कोको कंटेंट वाली चॉकलेट पसंद आ रही हैं, वहीं जो दूसरे मार्केट लीडर हैं, वो ज्यादा चीनी और अलग-अलग चीजें डालकर डार्क चॉकलेट बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने मार्केट देखा, हमने लॉन्च किया प्योर डर्क चॉकलेट, जिसमें 55 प्रतिशत कोको, 75प्रतिशत कोको, 85 प्रतिशत कोको और 99 प्रतिशत कोको रहा है, जो बहुत सफल हुआ, क्योंकि इस डार्क चॉकलेट का स्वाद बहुत अच्छा था, इसकी पैकिंग बहुच अच्छी थी, और तीसरी चीज जो भारत में सबसे ज्यादा मानी जाती है, वो है कि अफोर्डेबिलिटी भी थी।
उन्होंने खाने-पीने की चीजों को लेकर कहा कि हमारा पिछला अनुभव है, कि अगर तीन चीजों पर हमने काम कर लिया, तो आपका फूड प्रोडक्ट ऊपर उठता दी जाएगा। उन्होंने कहा सबसे ऊपर होता है स्वाद दूसरा न्यूट्रीशन, तीसरा अफोर्डेबिलिटी है, अगर आप ये तीन चीजें समझ गए और इस पर काम कर लिया तो आपको अपने काम में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
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