प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में इरादा, नवाचार और कार्यान्वयन के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। पिछले आठ वर्ष में भारतीय रक्षा उत्पादों का निर्यात आठ गुना बढ़ा है। देश अब बहुत आगे निकल गया है। पहले हम कबूतर छोड़ते थे। अब हम चीतों को छोड़ते हैं। प्रधानमंत्री आज गांधीनगर के महात्मा मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र में डिफेंस एक्सपो-2022 के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने इससे पहले उद्योग और स्टार्टअप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में रक्षा बलों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए मिशन डेफ स्पेस लॉन्च किया। इसके अलावा वर्चुअल माध्यम से दीसा एयरबेस की आधारशिला रखने के साथ स्वदेशी ट्रेनर विमान एचटीटी-40 का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिफेंस एक्सपो-2022 का आयोजन नए भरत की भव्य तस्वीर खींच रहा है। इसका संकल्प हमने अमृतकाल में लिया है। इसमें राष्ट्र का विकास भी है। राज्यों का सहभाग भी है। इसमें युवा शक्ति भी है। युवा सपने भी हैं। इसमें युवा संकल्प भी है। युवा सामर्थ्य भी है। इसमें विश्व के लिए उम्मीद भी है। मित्र देशों के लिए सहयोग के अवसर भी हैं। उन्होंने कहा कि ये देश का ऐसा पहला डिफेंस एक्सपो है जिसमें केवल भारतीय कंपनियां ही भाग ले रही हैं। इसमें केवल मेड इन इंडिया रक्षा उपकरण ही हैं।
उन्होंने रक्षा उपकरणों के निर्यात में विदेशी एकाधिकार का उल्लेख भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से आठ साल पहले तक भारत की पहचान दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस इंपोर्टर के रूप में होती थी। लेकिन न्यू इंडिया ने इरादा दिखाया। इच्छाशक्ति दिखाई और मेक इन इंडिया आज रक्षा क्षेत्र की सक्सेस स्टोरी बन रहा है। पिछले आठ वर्ष में हमारा रक्षा निर्यात आठ गुना बढ़ा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रक्षा बल 101 वस्तुओं की सूची जारी कर रहे हैं। उन्हें आयात के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा। इससे 411 रक्षा संबंधी सामान केवल स्थानीय स्तर पर ही खरीदा जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि ऐसी यह चौथी सूची है। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने 21 अगस्त, 2020, 31 मई, 2021 और 07 अप्रैल, 2022 को क्रमशः 310 वस्तुओं वाली पहली, दूसरी और तीसरी स्वदेशीकरण सूची जारी की थी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गुजरात के बनासकांठा में दीसा हवाई क्षेत्र की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 130 किलोमीटर दूर फॉरवर्ड एयरफोर्स बेस देश के सुरक्षा ढांचे में इजाफा करेगा। सरकार में आने के बाद हमने दीसा में ऑपरेशनल बेस बनाने का फैसला लिया और हमारी सेनाओं की ये अपेक्षा आज पूरी हो रही है। ये क्षेत्र अब देश की सुरक्षा का एक प्रभावी केंद्र बनेगा।
उन्होंने अपने संबोधन में भारत और अफ्रीका की मित्रता का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और अफ्रीकी देशों के बीच विकसित सहयोग और सहक्रियाओं ने हमारे पारस्परिक संबंधों को अभी तक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जब भारत इस दुनिया के सपनों को साकार करने की ओर बढ़ रहा है, 53 अफ्रीकी देश उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेश में भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए भारत को अपनी इस तैयारी को और बढ़ाना होगा। हमारी डिफेंस फोर्सेस को नए अभिनव उपाय खोजने होंगे। स्पेश में भारत की शक्ति सीमित न रहे और इसका लाभ भी केवल भारत के लोगों तक ही सीमित न हो, ये हमारा मिशन भी है और विजन भी है।
उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर वैश्विक मुक्त व्यापार तक, समुद्री सुरक्षा पूरी एक ग्लोबल प्राथमिकता बनकर उभरा है। आज ग्लोबलाइजेशन के दौर में मर्चेन्ट नेवी की भूमिका का भी विस्तार हुआ है। दुनिया की भारत से अपेक्षाएं बढ़ीं हैं और भारत को उन्हें पूरा करना है। इसलिए ये डिफेंस एक्सपो, भारत के प्रति वैश्विक विश्वास का भी प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ग्लोबलाइजेशन के दौर में मर्चेंट नेवी की भूमिका का विस्तार हुआ है। दुनिया की भारत से अपेक्षाएं बढ़ी हैं। मैं विश्व को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत हर कोशिश करता रहेगा। हम कभी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि ये डिफेंस एक्सपो भारत के प्रति वैश्विक विश्वास का प्रतीक भी है। इतने सारे देशों की उपस्थिति के जरिए, विश्व का बहुत बड़ा सामर्थ्य गुजरात की इस धरती पर जुट रहा है।
उन्होंन कहा कि यह हमारी क्षमताओं का एहसास करने का उच्च समय है। हमारे रक्षा बलों को अभी तक नए नवोन्मेषी समाधान खोजने होंगे। साथ ही अंतरिक्ष के क्षेत्र में न केवल भारत की ताकत और क्षमता सीमित रहनी चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भारत के प्रयासों का फल उसकी सीमाओं को पार कर जाए। यह हमारा मिशन है, साथ ही हमारा विजन भी है।
इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, भारतीय सशस्त्र सेनाओं के रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, थलसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे आदि मौजूद रहे।
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