पाञ्चजन्य के पाठकों को याद होगा कि लगभग डेढ़ महीने पहले झारखंड में दुमका की 17 वर्षीया नाबालिग बेटी अंकिता सिंह की हत्या लव जिहादी शाहरुख हुसैन और नईम अंसारी ने मिलकर कर दी थी। कारण यह था कि अंकिता ने शाहरुख से दोस्ती करने से मना कर दिया था। इस घटना के बाद शाहरुख हुसैन और नईम अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामला न्यायालय में चल रहा है। इसके बाद भी शाहरुख हुसैन के गुर्गे अंकिता के परिवार वालों और गवाहों को किसी न किसी तरीके से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाहरुख हुसैन की वकील सिकंदर मंडल हैं जिन्हें डीएलएसए की ओर से उपलब्ध कराया गया है, क्योंकि दुमका के किसी वकील ने शाहरुख का मुकदमा लड़ने से मना कर दिया था। दूसरी तरफ मुंबई के रहने वाले और अपने आप को वकील कहने वाले निशांत वर्मा और विनय दुबे की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है कि अंकिता के परिवार वालों को ही अंकिता की मौत का दोषी करार कर दिया जाए। इन दोनों की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी तरह से शाहरुख और नईम को बचा लिया जाए और उसकी जगह पर अंकिता के परिवार वालों को ही दोषी करार कर दिया जाए। यह सब षड्यंत्र कुछ वामपंथी पत्रकारों के सहयोग से किया जा रहा है। यानी आप कह सकते हैं कि अंकिता के परिवार वालों का ‘मीडिया ट्रायल’ शुरू हो चुका है। हत्या के आरोपियों के समर्थन में सोशल मीडिया के माध्यम से अंकिता का चरित्र हनन किया जा रहा है। शाहरुख हुसैन के साथ अंकिता की तस्वीरों को वायरल कर अंकिता को चरित्रहीन बताने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी तरफ विनय दुबे की ओर से अंकिता के परिवार वालों और उनका साथ दे रही भाजपा महिला मोर्चा की नेता नीतू झा और पीड़ित परिवार के वकील जयंत सिंहा की सहायक प्रिया सिंह पर अलग-अलग तरीके से दबाव बनाया जा रहा है, इसके साथ ही अंकिता की हत्या का आरोप उसके पिता संजीव सिंह और अंकिता की बहन पर लगाया जा रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि यह सब न्यायालय में नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा है।
इस मामले को लेकर नीतू झा ने दुमका के पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन दिया है। इसमें कहा गया है कि अंकिता के मरने के बाद भी विनय दुबे समाज में अफवाह फैला रहा है। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद अंकिता के विषय में अनर्गल बातें करते हुए शाहरुख हुसैन को बचाकर अंकिता के पिता को ही हत्यारा बताने की कोशिश कर रहा है।
नीतू झा के अनुसार विनय दुबे उनके बयानों को तोड़- मरोड़ कर पेश करता है और उन्हें ही मामले में फंसाने की धमकी देता है। विनय दुबे के माध्यम से गवाहों को भी प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस मामले को लेकर अंकिता के पिता संजीव सिंह ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि पास्को एक्ट के तहत उनकी बेटी की हत्या का मामला न्यायालय में चल रहा है। इसके बावजूद मुंबई का एक वकील विनय दुबे यूट्यूब के माध्यम से उन्हें धमकी देने का प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही पूरे मामले को ‘ऑनर किलिंग’ का नाम देते हुए समाज में गलत संदेश देने का काम कर रहा है।
बता दें कि अंकिता ने मौत से पहले दिए अपने बयान में बताया था कि शाहरुख हुसैन और नईम अंसारी उर्फ छोटू ने उसे जलाकर मारने की कोशिश की थी। इसके बाद 28 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी।
अब सवाल यह उठता है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी क्या अंकिता को न्याय मिल पाएगा? यह सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि एक तरफ अंकिता का परिवार है जो काफी गरीब है। बड़ी मुश्किल से अपनी आजीविका चलाता है। उसके बाद भी अपनी बेटी के गुनहगारों को सजा दिलाना चाहता है। वहीं दूसरी ओर शाहरुख और नईम अंसारी का मुकदमा लड़ने के लिए विनय दुबे लोगों से पैसा जमा कर रहा है।
अंकिता के वकील की सहायक और समाजसेवी प्रिया सिंह ने कहा कि अपने आप को वकील कहने वाले निशांत वर्मा और विनय दुबे सोशल मीडिया के माध्यम से गवाहों को डराने और धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। जानबूझकर बिना सबूतों के इस हत्या के पीछे अंकिता के परिवार वालों को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। जो भी गवाही दे रहा है उसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से जेल भेजने की बात कही जा रही है। जो अंकिता के परिवार वालों का साथ दे रहा है उसे भी बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर निशांत वर्मा और विनय दुबे अपने आपको वकील कहते हैं तो सोशल मीडिया की जगह न्यायालय में आकर बहस करें और अपनी बात रखें। प्रिया ने यह भी आशंका जताई कि इन लोगों के पीछे किसी बड़े संगठन का हाथ है इसी वजह से ये लोग खुलेआम गवाहों, वकीलों और पीड़ित के परिवार वालों को धमकाने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके साथ ही कुछ लोग यह शंका व्यक्त कर रहे हैं कि शाहरुख और नईम के लिए महंगे वकील का इंतजाम बांग्लादेश का आतंकी संगठन ‘अंसार उल बांग्ला’ कर रहा है। बता दें कि अंकिता की हत्या के बाद चर्चा थी कि शाहरुख और नईम के संबंध ‘अंसार उल बांग्ला’ से हैं। इसी संगठन के इशारे पर ये दोनों लव जिहाद के लिए काम करते थे।
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि अंकिता के हत्यारों को बचाने के लिए इस देश की सेकुलर जमात के साथ-साथ कुछ आतंकवादी संगठन भी सक्रिय हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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