विश्व धरोहर ताज महल के चारों और आधा किमी तक के क्षेत्र को साफ करके कॉरिडोर बनाए जाने को लेकर जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्राधिकरण सक्रिय हो गया है। आगरा विकास प्राधिकरण ने इन भवनों पर नोटिस चस्पा कर दिए है और उन्हे 17 अक्टूबर तक भवन खाली करने को कहा गया है।
आगरा विकास प्राधिकरण जिला प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के ये दिशा निर्देश मिले है कि आगरा ताजमहल, लालकिला और अन्य ऐतिहासिक इमारतों के चारो ओर पांच सौ मीटर तक किसी भी निर्माण को हटाया जाए। ये निर्देश एतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा संरक्षण आदि विषयों से जुड़े हुए है।
इन निर्देशों का पालन करते हुए प्राधिकरण ने ताजमहल के इर्द गिर्द करीब पांच सौ से ज्यादा भवनों को चिन्हित करते हुए वहां नोटिस चस्पा कर दिए है और भवन स्वामियों को 17 अक्टूबर तक का समय दिया है उसके बाद इन भवनों को गिराने की कवायद शुरू की जाएगी।
उधर ताजगंज के प्रभावित भवन स्वामियों जिनमे ज्यादातर दुकानदार है, उन्होंने संघर्ष समिति बना कर प्रशासन के सम्मुख ये गुहार लगाई है कि वो बेघर बेरोजगार हो जाएंगे।
प्राधिकरण ने ताजगंज बाजार के प्रभावित क्षेत्र की बेरकेडिंग शुरू कर दी है जिसके बाद से दुकानदारों में बेचैनी और बढ़ गई है। प्रशासन ने क्षेत्र में रसद आपूर्ति को भी बंद करना शुरू कर दिया है। इसके खिलाफ व्यापारियों ने काले झंडे लेकर प्रदर्शन भी किया और 17 अक्टूबर को आगरा बंद का आह्वान भी किया है। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है वो जो कर रहे है वो सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर कर रहे है।
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