अफ्रीकी देशों में इस वक्त दो इस्लामी जिहादी गुट सभ्य समाज के लिए जीना हराम किए हुए हैं, एक है बोको हराम और दूसरा है अल-शबाब। दोनों के अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस से सूत्र मिले हुए हैं। अफ्रीकी देशों की सरकारें इन गुटों की हिंसा को रोकने के लिए काम तो कर रही हैं लेकिन जैसे आधुनिक हथियार इन गुटों के पास हैं वैसे वहां की सेनाओं के पास भी नहीं हैं। लेकिन फिर भी सरकार का पलड़ा कभी कभी भारी पड़ता दिखता है। ताजा खबर इसी बात की पुष्टि करने वाली है।
सोमालिया की सरकार ने घोषणा की है कि अल शबाब का बड़ा वाला सरगना अब्दुल्लाही यारे ड्रोन हमले में मारा गया है। सूचना मंत्रालय की तरफ से इस बाबत एक बयान जारी किया गया है। आतंकी संगठन अल-शबाब के इस टॉप लीडर अब्दुल्लाही पर 30 लाख डॉलर का ईनाम घोषित था।
आतंकी अब्दुल्लाही यारे को ढेर करने वाला संयुक्त हवाई हमला अचूक साबित हुआ है। जिहादी अब्दुल्लाही की मौत दक्षिण सोमालिया में हुई है। सोमालिया के सूचना मंत्रालय ने कल जारी अपने बयान में बताया है कि गत एक अक्टूबर को सोमालिया की सेना ने अंतरराष्ट्रीय मदद से तटवर्ती शहर हरमका के निकट ड्रोन हमले किए थे, इन्हीं हमलों में अब्दुल्लाही यारे को मार गिराया गया है। बयान आगे बताता है कि वह अल शबाब गुट के सबसे कुख्यात जिहादियों में से एक था।
मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा है कि ड्रोन से की गई कार्रवाई में मारा गया इस्लामी आतंकवादी अब्दुल्लाही शूरा काउंसिल का प्रमुख रह चुका था। वह जिहादी पैसे का लेन—देन भी संभालता था। यही था जिसने अहमद दिरिया आंदोलन की अगुआई की थी। मंत्रालय का कहना है कि इस खूंखार इस्लामी जिहादी अब्दुल्लाही की मौत से सोमालिया को एक बहुत बड़ी राहत मिली है।
उल्लेखनीय है कि जिहादी अब्दुल्लाही की तलाश अमेरिका को 2012 से ही थी। अमेरिका ने ही उस पर 30 लाख डॉलर का ईनाम भी घोषित किया था। अब्दुल्लाही की सरपरस्ती में पिछले कुछ समय से सोमालिया में हाल अनके भयानक हमले देखने में आए हैं। इसके बाद ही वहां के राष्ट्रपति ने इन आतंकियों के विरुद्ध कड़ा अभियान शुरू किया था। पिछले ही दिनों सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में अल शबाब ने एक होटल पर हमला बोलकर 20 लोगों की जान ले ली थी।
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