बिहार के गया में विजयादशमी उत्सव को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि एकजुट होकर कार्य करें, ताकि समाज विरोधी तत्वों की मंशा विफल हो।
उत्सव केवल आत्मानंद के लिए नहीं है। यह हमें धर्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। धर्म मार्ग पर चलना प्रत्येक के लिए आवश्यक है। यह भारत के असंख्य लोगों के उत्सर्ग का परिणाम है कि आज भी इस भूमि पर दुर्गा पूजा और दीपावली जैसे उत्सव मनाए जा रहे हैं। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने व्यक्त किए।
गया के गांधी मैदान में आयोजित विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दत्ता जी ने कहा कि भारत को हजार वर्षों के संघर्ष के बाद स्वतंत्रता मिली है। इस स्वतंत्रता का उद्देश्य चिर-पुरातन राष्ट्र को पुनः वैभवशाली बनाना है। पूरे भारतवर्ष को एक समाज के रूप में प्रतिष्ठित करना संघ की सोच है। संघ इसी के लिए नित्य साधना कर रहा है।
उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक समाज, राष्ट्र और जन समूह को अपना इतिहास ठीक प्रकार से समझना चाहिए। जो समाज या राष्ट्र अपने इतिहास की गलतियों से सीख नहीं लेता, उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक पूजनीय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने इतिहास की गलतियां पुनः न दोहराई जाएं, इसके लिए संघ की स्थापना की। डॉ. हेडगेवार ने विक्रम संवत् 1982 (तदनुसार 1925 ई.सन्) को विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना की। इस दिन राम ने रावण की और दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धर्म राज्य की स्थापना की थी। ऐसे लोकोत्तर कार्य का संदेश देने के लिए इस दिन का चयन किया गया था। धर्म मार्ग पर चलना प्रत्येक के लिए आवश्यक है।
उन्होंने समरसता का संदेश देते हुए कहा कि ईश्वर की प्रत्येक कृति में उनका अंश है। समाज को सोचना चाहिए कि हम सभी बंधु हैं। हम में कोई अछूत नहीं है। समाज के सभी लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमको चलना होगा। ये नहीं सोचना है कि कौन किस जाति का है ? झोपड़ी में पैदा लेने वाला व्यक्ति हो या महल में पैदा लेने वाला व्यक्ति, सबमें परमात्मा का अंश है। यह हमारी सनातन संस्कृति है। लेकिन इस संस्कृति को तोड़ने के लिए कुछ लोग एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं , उन्हें सफल नहीं होने देना है। हम लोगों को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा, तभी टुकड़े-टुकड़े गैंग परास्त हो पाएगा।
विजयादशमी कार्यक्रम में श्री दत्ता जी के उद्बोधन के बाद संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन भी निकाला।
मंच पर दत्ता जी के साथ सह विभाग संघचालक श्री सियाशरण प्रसाद एवं नगर संघचालक श्री अभय सिंबा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गया की प्रसिद्ध व्यवसायी एवं समाजसेवी श्रीमती उषा डालमिया ने की।
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