एप्प की तरफ से इजाजत मांगने के सवाल आते चले जाते हैं और आप फटाक से जवाब देते चले जाते हैं- क्या हम आपके संपर्कों की सूची देख सकते हैं? हां। क्या आपके कैमरे का इस्तेमाल कर सकते हैं? हां। क्या आपकी फाइलों को एक्सेस कर सकते हैं? हां। क्या आपके फोन कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए संदेश और कॉल कर सकते हैं? हां। इंटरनेट कनेक्टिविटी का प्रयोग कर सकते हैं? हां। आपकी लोकेशन को जान सकते हैं? हां।
आज हर हाथ में मोबाइल है और हर काम के लिए एप्प। संदेश भेजने के लिए एप्प, तो फोटो खींचने के लिए एप्प। चैट के लिए एप्प तो वीडियो कॉल के लिए एप्प। पैसे के लेनदेन के लिए एप्प तो वीडियो के लिए एप्प। रेडियो के लिए एप्प तो फोटो को खूबसूरत बनाने के लिए एप्प। आपके मोबाइल में तमाम किस्म के एप्प हैं लेकिन फिर भी मन है कि भरता ही नहीं।
कभी विज्ञापन देखकर, या फिर दूसरों की देखा-देखी लोग धड़ाधड़ एप्प डाउनलोड करने में लगे हैं। बिना यह पड़ताल किए कि इस एप्प की पृष्ठभूमि और ‘प्रतिष्ठा’ कैसी है और दूसरे लोगों ने उस पर कैसी प्रतिक्रिया की है। बिना गौर किए कि इन्स्टॉल किए जाते समय वह एप्प आपसे कैसी-कैसी इजाजत मांग रहा है और वह आपके स्मार्टफोन में क्या कुछ एक्सेस करने वाला है।
कई एप्स किसी शातिर इंसान की ही तरह आपकी गतिविधियों और सूचनाओं पर निगाह रखने तथा उन्हें अपराधी तत्वों तक भेजने में सक्षम हैं। इन सूचनाओं में आपकी पहचान से जुड़ी जानकारियां भी हैं, जैसे नाम, ईमेल, फोन नंबर, पता, पासवर्ड, आधार कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, फोटो और यहां तक कि पहचान पत्र जैसे दस्तावेज भी। जब इस तरह की सूचनाएं अपराधियों तक पहुंच जाती हैं तो कई बार वैसी घटनाएं होती हैं जो अखबारों में अक्सर छपती हैं।
एप्प की तरफ से इजाजत मांगने के सवाल आते चले जाते हैं और आप फटाक से जवाब देते चले जाते हैं- क्या हम आपके संपर्कों की सूची देख सकते हैं? हां। क्या आपके कैमरे का इस्तेमाल कर सकते हैं? हां। क्या आपकी फाइलों को एक्सेस कर सकते हैं? हां। क्या आपके फोन कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए संदेश और कॉल कर सकते हैं? हां। इंटरनेट कनेक्टिविटी का प्रयोग कर सकते हैं? हां। आपकी लोकेशन को जान सकते हैं? हां।
बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि हरेक इजाजत न दी गई तो एप्प ढंग से काम नहीं कर पाएगा या फिर इंस्टॉल नहीं हो सकेगा। तो हां कहने की इस हड़बड़ी का क्या कहा जाए। ऐसा भी क्या है कि आप हरेक एप्प को अपना सब कुछ थमा देने पर आमादा हैं? वही सब जो आप किसी दूसरे इंसान को देने की बात सपने में भी नहीं सोच सकते, एप्स को सौंपते समय पलक भी नहीं झपकाते। लेकिन आपकी यह लापरवाही और उदारता किसी भी दिन उलटी पड़ सकती है।
इनमें से कई एप्स किसी शातिर इंसान की ही तरह आपकी गतिविधियों और सूचनाओं पर निगाह रखने तथा उन्हें अपराधी तत्वों तक भेजने में सक्षम हैं। इन सूचनाओं में आपकी पहचान से जुड़ी जानकारियां भी हैं, जैसे नाम, ईमेल, फोन नंबर, पता, पासवर्ड, आधार कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, फोटो और यहां तक कि पहचान पत्र जैसे दस्तावेज भी। जब इस तरह की सूचनाएं अपराधियों तक पहुंच जाती हैं तो कई बार वैसी घटनाएं होती हैं जो अखबारों में अक्सर छपती हैं।
खतरनाक माने जाने वाले एप्स की संख्या कितनी होगी? पिछले साल गूगल ने अपने प्ले स्टोर पर निजता का उल्लंघन करने के लिए 12 लाख एप्लीकेशनों को ब्लॉक किया है। लेकिन सिर्फ उससे बात नहीं बनेगी। मोबाइल यूजर का खुद सतर्क होना और सावधानी बरतना ज्यादा जरूरी है।
क्या कुछ कर सकते हैं खतरनाक एप्प
- पहचान से जुड़ी जानकारी चुराना
- लोकेशन की जानकारी चुराकर बेचना
- फाइलों को लॉक कर देना और अनलॉक करने के लिए बिटकॉइन के जरिए फिरौती मांगना
- आपके फोन अकाउंट से महंगे प्रीमियम एसएमएस भेजना (कई जगह एसएमएस भेजने पर चार्ज लगता है)
- आपके नंबर से खरीदारी कर लेना (इन-एप्प परचेज)
- वित्तीय लेनदेन, बैंक, क्रेडिट कार्ड, पेमेन्ट एप्प आदि की जानकारी लेना
- विज्ञापनों की बौछार कर देना
- आपके संपर्क नंबर चुरा लेना
- खुद को आपके फोन का एडमिन बना लेना
- इन्स्टॉल होने के बाद एप्प का आइकन गायब हो जाना और बैकग्राउंड में गतिविधियां चलाने लगना
- इन तमाम चुनौतियों के बावजूद मोबाइल एप्स का सुरक्षित इस्तेमाल करना संभव है। जरूरत है सही जानकारी, सावधानी और सतर्कता की।
कैसे रहें सुरक्षित - जैसे ही फोन के आपरेटिंग सिस्टम का अपडेट आए, उसे तुरंत इन्स्टॉल करें। नए फीचर्स के साथ-साथ ये ताजातरीन सुरक्षा चुनौतियों के समाधान भी मुहैया कराते हैं।
- एंड्रोइड प्ले स्टोर और आइफोन एप्प स्टोर के अलावा किसी और ठिकाने से एप्प डाउनलोड न करें। इन दोनों के अलावा कुछ और भी वैकल्पिक ठिकाने हैं जहाँ से एप्प डाउनलोड किए जा सकते हैं।
- एप्स को डाउनलोड करने वालों की संख्या, डेवलपर का नाम और यूजर्स के फीडबैक को देखकर ही डाउनलोड करें
- इंटरनेट पर सर्च करके देखें कि क्या वह एप्प सुरक्षित है
- इन्स्टॉलेशन के दौरान एप्प को सिर्फ उतना ही करने की इजाजत दें जो सुरक्षित है और उस एप्प के इस्तेमाल के लिए जरूरी है
- जेलब्रेकिंग या रूटिंग जैसी हैकिंग तकनीकों का इस्तेमाल न करें
- एंटीवायरस इन्स्टॉल करें
- अपनी जरूरी फाइलों और सामग्री का बैकअप लेते रहें
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। लेख में दिए गए विचार उनके निजी हैं)
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