केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में पीपीपी मोड पर छह जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दी है। पीपीपी मोड पर महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन्हें खोलने में करीब 1525 करोड़ रुपए का खर्च आएगा और केंद्र सरकार सब्सिडी का करीब 1012 करोड़ रुपए का भार उठाएगी। एक कॉलेज को औसतन 160 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलेगी। महराजगंज और शामली में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निवेशकर्ता का चयन कर कार्य शुरू हो गया है। अगले साल तक महराजगंज में उपचार भी शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा शामली और मऊ में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन है।
चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि आम लोगों को बेहतर और सुलभ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह बड़ा कदम है। केंद्र सरकार के प्रस्ताव स्वीकृत करने से राज्य सरकार के धन की बचत होगी। राज्य सरकार जिला अस्पताल और भूमि 33 साल की लीज पर देगी। इसके बाद निवेशकर्ता मेडिकल कॉलेज वापस कर देगा। वह राज्य सरकार की संपत्ति होगी। साथ ही स्टांप ड्यूटी में छूट और उपकरण सब्सिडी आदि दी जाएगी।
सीएम योगी ने पिछले साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया है। फिलहाल, सरकारी और निजी 65 मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा केंद्रीय संस्थानों में रायबरेली और गोरखपुर में एम्स हैं। वाराणसी में एक बीएचयू और एक अलीगढ़ में मेडिकल कॉलेज है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नौ जिलों देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। प्रदेश के अमेठी, औरैया, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, गोंडा, कानपुर देहात, कौशांबी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और सुल्तानपुर जिले में 2022-23 तक मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिलने वाली है। इनका निर्माण कार्य चल रहा है।
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