कर्नाटक विधानसभा में मतांतरण विरोधी विधेयक बुधवार को पास हो गया। कांग्रेस ने इसका विरोध किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। कर्नाटक के गृहमंत्री ने बुधवार को विधानसभा में इस बिल को पारित करने के लिए पेश किया।
इससे पहले विधेयक को पिछले हफ्ते विधान परिषद ने मामूली संशोधन के साथ पास किया था। वहीं राज्यपाल की सहमति के बाद, कानून 17 मई, 2022 से प्रभावी होगा, जिस तारीख को अध्यादेश जारी किया गया था।
नए कानून के तहत, गलत व्याख्या, बलात, किसी के प्रभाव में आकर, दबाव, प्रलोभन या किसी अन्य गलत तरीके से मतांतरण करने पर सजा का प्रावधान है। विधेयक के अनुसार, अवैध रूप से मतांतरण करवाने के उद्देश्य से की गई शादी को पारिवारिक अदालत की ओर से रद्द किया जा सकता है। नए कानून में अपराध गैर जमानती है।
इस बिल में कहा गया है अगर कोई कपटपूर्ण माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी तरीके से धर्मपरिवर्तन कराता है तो इसमें 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल की कैद का प्रस्ताव है। साथ ही अपराधियों को तीन से दस साल की कैद और 50,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।
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