ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाओं ने पूरी तरह से आवाज उठा दी है। ये वही आवाज है जो सदियों से दबी हुई थी। जब पाबंदियों के पर्दों से दम घुटने लगे तो उन्हें उठा देना ही बेहतर है। ईरान में हिजाब के खिलाफ आंदोलन यही कह रहा है। ईरान में हाल ही में महिलाओं के विज्ञापन पर रोक लगाई गई थी। महिला मॉडल ने आइसक्रीम का विज्ञापन किया था, जिसे देखकर कट्टरपंथी मौलाना आग-बबूला हो गए थे।
अब जब ईरान की महासा अमीनी हिजाब से मुक्त होना चाहती थी तो उसे मार डाला गया। ईरान में हिजाब से मुक्ति की छटपटाहट अमीनी से पहले से है। निर्वासित ईरानी पत्रकार एवं महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली लेखिका मसिह अलिनेजाद अमेरिका में रहती हैं। उनके घर पर व्यक्ति एके 47 राइफल लेकर हमला करने पहुंच गया था। ईरान में उन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया जो हिजाब के विरोध में हैं।
बात ईरान से आगे भी है। इंडोनेशिया में कुछ ईसाई महिलाओं को भी हिजाब पहनने के लिए या फिर नौकरी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया। क्रिस्चियनपोस्ट के अनुसार मुस्लिम बाहुल्य इंडोनेशिया में 34 राज्यों में से 24 राज्यों में महिलाओं एवं बच्चियों के लिए बहुत कठोर ड्रेस कोड बना दिया गया है और इनमें ईसाई महिलाएं भी सम्मिलित हैं। जो लोग इनका पालन नहीं करेंगी उन्हें दंड भुगतने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
ह्यूमन राइट वाच की एक रिपोर्ट कहती है कि इंडोनेशिया के 24 मुस्लिम बहुल प्रांतों में लगभग 150,000 स्कूल वर्तमान में स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों नियमों के आधार पर हिजाब के नियम लागू करते हैं। आचे और पश्चिम सुमात्रा में तो गैर-मुस्लिम लड़कियों को भी हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया गया है। मीडिया की मानें तो इंडोनेशिया में भी मजहबी पहनावा अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है। बताया जा रहा है कि महिलाओं और बच्चियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है।
यह भी बात सामने आ रही है कि इंडोनेशिया की 75 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या हिजाब पहन रही है। 1990 के दशक तक यह संख्या महज 5 प्रतिशत थी। ईरान में हिजाब के विरोध ने यह बता दिया है कि वे दमघोंटू पर्दों से निकलना चाहती हैं। उन्हें भी खुली हवा में सांस लेना है। वे अब सार्वजनिक विमर्श का हिस्सा बनेंगी न कि रूढ़िवादी विचारों की वाहक। इस्लामिक देशों में रूढ़िवादी विचारों से महिलाएं ऊपर उठने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। उन्हें दुनिया भर से समर्थन की उम्मीद है। वहीं, दुनिया को मानवता और बराबरी का पाठ पढ़ाने वाले भारत में कट्टरपंथी मौलाना महिलाओं को हिजाब में कैद करना चाहते हैं, यह भी एक विडंबना है।
Tripti Shrivastava is a media professional with over 2 decades of TV journalism in India. She worked as an Anchor/Reporter/Producer with mainstream media channels like AAJ TAK, Zee News and BBC. She presently hosts show on Panchjanya.
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