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भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उत्साहित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारत में बढ़ाया निवेश

विदेशी निवेशकों की भूमिका में बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से सकारात्मक

by WEB DESK
Sep 19, 2022, 01:02 pm IST
in बिजनेस
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दुनियाभर में मंदी की आशंका जताए जाने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पिछले करीब ढाई महीने से चौतरफा खरीदारी करने में लगे हुए हैं। जुलाई के पहले लंबे समय तक लगातार घरेलू शेयर बाजार में नेट सेलर (बिकवाल) की भूमिका निभाने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने नेट बायर (खरीदार) की भूमिका अपना ली है। विदेशी निवेशकों की भूमिका में आए इस बदलाव को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से सकारात्मक माना जा रहा है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई से लेकर अभी तक विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में 68 हजार करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी की है। सितंबर के महीने में ही पिछले शुक्रवार यानी 16 सितंबर तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 12,084 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके थे। इसके पहले अगस्त महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 51,200 करोड़ रुपये का निवेश किया था। जुलाई के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का भारतीय बाजार में निवेश लगभग 5,000 करोड़ रुपये का था।

हालांकि इसके पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में लगातार 9 महीने तक जमकर बिकवाली करके अपने पैसे निकाले थे। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर 2021 से घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली शुरू की थी, जो जून 2022 तक लगातार जारी रही। इन 9 महीनों के दौरान इन निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 2.4 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी। जून के बाद निवेशकों ने बिकवाली बंद करके लिवाली शुरू कर दी।

शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार के प्रति विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का बढ़ता रुझान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि विषम परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की जड़ें लगातार मजबूत बनी हुई हैं। संभावित वैश्विक मंदी की आशंका से घबराए विदेशी निवेशक अपने पैसे को सुरक्षित रखने और तुलनात्मक रूप से अधिक मुनाफा कमाने के इरादे से भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने में लगे हुए हैं। जानकारों का ये भी मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख में नरमी आने की संभावना को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में तेज लिवाली शुरू की है।

धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक विदेशी निवेशकों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी पर नरम रुख अपनाना शुरू कर सकता है। हालांकि अगस्त के महीने में अमेरिका में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि सितंबर से अमेरिका में महंगाई पर नियंत्रण शुरू हो जाएगा, जिससे ब्याज दरों में नरमी का रुख दिखाने के लिए फेडरल रिजर्व को भी मजबूर होना पड़ेगा। ऐसा होने पर अमेरिकी निवेशकों के लिए अमेरिका के बाहर के बाजार में निवेश करने के मौके ज्यादा बेहतर हो जाएंगे। यही वजह है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजार में तेजी के साथ निवेश करने में लगे हुए हैं।

दूसरी ओर महिंद्रा सिक्योरिटी के इक्विटी रिसर्च हेड जयंतीलाल मोहन का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पिछले कुछ दिनों के दौरान लगातार झटकों का सामना करना पड़ा है। इन झटकों के बावजूद जिस तेजी से देश की अर्थव्यवस्था ने रिकवरी का रुख दिखाया है, उससे साफ हो गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की जड़ें काफी मजबूत हैं। ऐसे में अभी जबकि पूरी दुनिया में मंदी की आशंका जताई जा रही है, तब भी विदेशी निवेशकों को भरोसा है कि अगर मंदी आई भी, तो उसका भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। यही वजह है की विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक तेजी से भारतीय बाजार में अपना पैसा लगा रहे हैं, ताकि दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में उनका पैसा ज्यादा सुरक्षित बना रहे।

Topics: निवेशinvestmentभारतीय अर्थव्यवस्थाIndian Economyविदेशी पोर्टफोलियो निवेशकभारतीय शेयर बाजारForeign Portfolio InvestorsIndian Stock Market
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