प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ मौजूद रहे। भारत में 70 साल बाद चीते आए हैं। चीतों को लाने के लिए एक विशेष जंबो जेट बी 747 नामीबिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है।
PM @narendramodi releases 8⃣#Cheetahs🐆 brought from Namibia in #KunoNationalPark, Madhya Pradesh#IndiaWelcomesCheetah #CheetahIsBack pic.twitter.com/oi1MGlShzu
— PIB India (@PIB_India) September 17, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों पहले जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। मैं ये भी कहूंगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार का भी धन्यवाद करता हूं जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं। मुझे विश्वास है कि ये चीतें ना केवल प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का बोध कराएंगे बल्कि हमारे मानवीय मूल्यों और परंपराओं से भी अवगत कराएंगे।
मोदी के मंच के नीचे पिंजरे में थे चीते
कूनो नेशनल पार्क के टिकटौली गेट से 18 किलोमीटर भीतर पांच हेलिपैड बने हैं। इनमें से तीन प्रधानमंत्री और उनकी सुरक्षा के लिए आए हेलिकॉप्टर के लिए रिजर्व थे। यहां से 500 मीटर के दायरे में 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्म नुमा मंच तैयार किया गया। मंच की ऊंचाई 10 से 12 फीट है। मंच पर पीएम मोदी थे। इसी मंच के ठीक नीचे छह फीट के पिंजरे में चीते थे।
मादा चीता अलग-अलग बाड़ों में रखी जाएंगी
नर चीते दो या दो से अधिक के ग्रुप में रहते हैं। नर चीतों को ग्रुप में एक साथ रखा जाएगा। हर मादा चीता अलग-अलग बाड़ों में रखी जाएंगी। बड़े बाड़ों में माहौल सही होने पर पहले नर चीतों को और उसके बाद मादा चीतों को खुले में छोड़ा जाएगा।
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