उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का मंगलवार से सर्वे शुरू हो गया। उपजिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला अल्पसंख्यक अधिकारी की देखरेख में यह सर्वे किया जा रहा है। 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद 25 अक्टूबर तक शासन को रिपोर्ट भेजी जायेगी।
कुछ दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद ने कहा था कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि राज्य के मदरसों में छात्र-छात्राओं की स्थिति कैसी है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के अनुसार मदरसों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध है अथवा नहीं। प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पाठ्यक्रम को भी खंगाला जाएगा।
इन बिंदुओं पर होगा सर्वे
सर्वे में मदरसे की स्थापना का वर्ष, संचालन करने वाली संस्था, मदरसा निजी भवन में संचालित है या किराये के भवन में, मदरसे का भवन छात्र-छात्राओं के लिए उपयुक्त है, इसके अलावा पेयजल, फर्नीचर, बिजली की व्यवस्था, शौचालय आदि सुविधाओं के बारे में पता लगाया जाएगा। मदरसे में पढ़ रहे छात्र- छात्राओं की कुल संख्या, मदरसे में कुल शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत, मदरसा को संचालित करने के लिए दान या जकात अगर मिल रही है तो कहां से मिल रही है ? मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में नामांकित हैं या नहीं , इन सब बिंदुओं पर सर्वे किया जा रहा है।
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