एक तरफ तो पाकिस्तान में बिजली की भारी किल्लत है, बड़े-बड़े संस्थानों को चलाने के लिए बिजली झटके दे रही है तो वहीं दूसरी ओर चीन वहां चल रहीं अपनी बिजली परियोजनाओं को अधर में छोड़ने का मन बना रहा है। पाकिस्तान में अब एक नई चिंता खड़ी हो गई है कि क्या ‘आका’ उससे हाथ खींच रहा है?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने अपने ‘दोस्त’ के घर में अंधेरा कर दिया है। ताजा खबर ये है कि चीन ने पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में चल रही अपनी पनबिजली परियोजना की मरम्मत पर ताला जड़ दिया है। कहने को तो चीन ने स्थानीय लोगों के उसे लेकर विरोध और अपने इंजीनियरों की सुरक्षा को वजह बताया है लेकिन जानने वाले कहते हैं कि कंगाल पाकिस्तान उसे इसके पैसे नहीं चुका रहा है इसलिए चीन का मन बदल गया है।
पाकिस्तान के अनधिकृत कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में उक्त नीलम-झेलम हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर एक अर्से से मरम्मत का काम जारी था। लेकिन ‘स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध’ के चलते बीजिंग की अब इस काम में दिलचस्पी नहीं रह गई है।
इससे जहां पाकिस्तान में बिजली की पहले से भारी किल्लत चल रही थी उसमें और बढ़ोतरी ही हुई है। परियोजना के खटाई में पड़ने से अब बिजली और ईंधन की और कमी होने के कयास लगाए गए हैं। छानबीन करने पर सामने आया है कि चीन के इंजीनियरों और अन्य कर्मियों ने 969 मेगावाट की नीलम-झेलम हाइड्रोपावर परियोजना की मरम्मत का काम जुलाई, 2022 से धीरे धीरे बंद करना शुरू कर दिया।
चीन की तरफ से कहा गया है कि कहने के बावजूद पाकिस्तान की पुलिस उसके कामगारों को सुरक्षा नहीं दे पाई है। जानकार बताते हैं कि पाकिस्तान सरकार को इस परियोजना के ठंडे बस्ते में जाने का डर सता रहा है, लेकिन बीजिंग उसके अनुरोधों का ठीक से जवाब तक नहीं दे रहा है। इसी वजह से कहा जा रहा है कि दोनों देशों के बीच खटास पैदा हुई है। 508 अरब रुपए की यह बिजली परियोजना मुजफ्फराबाद के पास मौजूद है। अभी तक इस पर चीनी इंजीनियर एक महत्वपूर्ण सुरंग को खोलने पर काम कर रहे थे। लेकिन अब अचानक इस पर ताला लटक गया है।
पाकिस्तान और चीन मिलकर सिर्फ नीलम-झेलम परियोजना पर ही काम नहीं कर रहे थे, बल्कि वे दासू, मोहम्मद पावर प्रोजेक्ट के काम में भी मिले हुए हैं। इसमें 3.5 किमी लंबी सुरंग से प्लांट से छोड़ा पानी नदी में जाता है। लेकिन सुरंग में आई एक बड़ी गड़बड़ से पूरे प्लांट को एकदम बंद करना पड़ा है। इस प्लांट का काम ठप होने से पाकिस्तान में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो गया है। बताया जा रहा है कि सुरंग में दरार आ गई है।
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