संस्कृत के बहाने संस्कृति पर निशाना! अब सेकुलरों को केंद्रीय विद्यालयों में संस्कृत प्रार्थना पर एतराज
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

संस्कृत के बहाने संस्कृति पर निशाना! अब सेकुलरों को केंद्रीय विद्यालयों में संस्कृत प्रार्थना पर एतराज

न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा कि विद्यालयों में ली गई नैतिक मूल्यों की शिक्षा और पाठ जीवनभर हमारे साथ ही रहते हैं

by WEB DESK
Sep 8, 2022, 01:00 pm IST
in भारत, विश्लेषण
प्रतीकात्‍मक चित्र

प्रतीकात्‍मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत में केंद्रीय विद्यालयों में एक लंबे समय से सुबह की प्रार्थना संस्कृत और हिन्दी में होती आई है। लेकिन अब इसे लेकर सवाल उठाया गया है कि क्या ऐसा करना सब छात्रों के लिए अनिवार्य होना चाहिए? कल सर्वोच्च न्यायालय में इस विषय पर चली चर्चा में कई बिंदु उभर कर आए हैं।

दरअसल सर्वोच्च न्यायालय में इस संबंध में याचिका दायर की गई है जिस पर न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी के सामने चली चर्चा में एक मौके पर स्वयं न्यायमूर्ति बनर्जी ने बताया कि उन्हें आज भी अपने स्कूल की प्रार्थना सभा में सबका साथ खड़े होकर प्रार्थना करना याद है। यह बात सही है। ईसाई मिशनरी विद्यालयों को छोड़ दें तो लगभग सभी विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना में सरस्वती वंदना ‘या कुंदेन्दुतुषाार हार धवला…’ और ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी….’ जैसे ष्लोक उच्चारित होते आ रहे हैं।

न्यायमूर्ति बनर्जी की बात पर चर्चा के अंदाज में याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले एक विद्यार्थी के अभिभावक को इस पर आपत्ति है और उसने अपील की है कि संस्कृत और हिन्दी वाली प्रार्थना की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए।

इस पर न्यायमूर्ति बनर्जी का कहना था कि विद्यालयों में ली गई नैतिक मूल्यों की शिक्षा और पाठ पूरे जीवन हमारे साथ ही तो रहते हैं। अब तक याचिका पर बहस एक चर्चा में बदल चुकी थी जिससे कई दिलचस्प बिंदु उभर कर आए। याचिका दायर करने वाली केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ रहे एक बच्चे की मां की तरफ से प्रस्तुत वकील गोंजाल्विस की आगे दलील थी कि अदालत के सामने हमारी अपील एक खास प्रार्थना के संबंध में है, जो सबके लिए समान नहीं हो सकती। कारण, सबकी पूजा पद्धति अलग है। जैसे वह जन्म से ईसाई हैं, लेकिन बेटी हिंदू धर्म को मानती है। आखिर में न्यायमूर्ति बनर्जी ने इस मामले की सुनवाई 8 अक्तूबर के लिए तय कर दी है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले अदालत ने जनवरी 2019 में एक पीआईएल पर केंद्र से जवाब तलब किया था कि क्या केंद्रीय विद्यालयों में रोज सुबह की प्रार्थना हिंदुत्व को बढ़ावा देना है? सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय विद्यालय संगठन को भी नोटिस जारी किया था और इस पर जवाब दाखिल करने को कहा था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर टिप्पणी करते हुए इसे ‘बड़ा गंभीर संवैधानिक मुद्दा’ बताते हुए विचार करने की आवश्‍यकता जताई थी।

दरअसल याचिका में कहा गया था कि केंद्रीय विद्यालयों में 1964 से ही सुबह की प्रार्थना संस्कृत तथा हिंदी में सुबह की प्रार्थना हो रही है। कहा गया कि यह ‘नितांत असंवैधानिक’ है और संविधान के अनुच्छेद 25 तथा 28 के विरुद्ध है। ऐसा करने की आज्ञा नहीं दी जा सकती।
लगता यह है कि पिछले कुछ वर्षों से ‘हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रति एक वितृष्‍णा का भाव दर्शाना सेकुलर होने का मापदंड मान लिया गया है’। केंद्रीय विद्यालयों में सुबह-सुबह ईश स्मरण, वैदिक ष्लोकों का गान भी अब उन सेकुलरों को चुभने लगा है। याचिका में इसी बात पर आपत्ति है कि ये श्‍लोक क्यों बुलवाए जाते हैं। उधर अदालत ने केन्द्र सरकार और केन्द्रीय विद्यालय संगठन से ही पूछा था कि रोजाना सुबह केन्द्रीय विद्यालयों में होने वाली इस हिंदी तथा संस्कृत की प्रार्थना से किसी धार्मिक मान्यता को बढ़ावा मिल रहा है क्या? अदालत का कहना था कि इसकी जगह कोई सर्वमान्य प्रार्थना क्यों नहीं कराई जाती!

याचिकाकर्ता विनायक शाह के बच्चे केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हैं। देश के 1125 केंद्रीय विद्यालयों की प्रार्थना में वैदिक श्‍लोक शामिल हैं। ऐसे भी श्‍लोक हैं जिनमें एकता और संगठित होने का आह्वान है…‘संगच्छध्वं संवदध्वं….’। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में प्रस्तुत हुए देवदत्त कामत का कहना था कि यह तय है कि अगर संवैधानिक मुद्दों का मामला हो तो इसे पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सामने जाना चाहिए। क्योंकि ये मामला सिर्फ किसी कानून या कायदे के उल्लंघन का नहीं है। अभी तक मामले की सुनवाई दो न्यायाधीशों की पीठ कर रही थी।

अंततः सर्वोच्च न्यायालय की दो जजों की पीठ ने कहा था कि इस विषय को संविधान पीठ के सामने जाना चाहिए। क्योंकि यह धार्मिक महत्व का विषय है, दो जजों की पीठ ने इसे उचित पीठ के गठन के लिए मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है।

दोनों प्रकरणों से एक बात साफ होती है कि असल आपत्ति वैदिक श्‍लोकों या संस्कृत में प्रार्थना से नहीं है, देश में खुद को सेकुलर दिखाने की होड़ में जुटे तत्व हर वह कोशिश करते हैं कि जिससे यहां की संस्कृति आहत हो, देश के बहुसंख्यक समाज को चोट पहुंचे। न्यायमूर्ति बनर्जी की टिप्पणी बहुत महत्वपूर्ण है कि हम जो विद्यालय में सीखते-पढ़ते हैं वह जीवन भर साथ रहता है। लेकिन विद्यालयों को भी राजनीति का अखाड़ा बनाने वाले तत्व इस बात का मर्म नहीं समझ सकते, इसके लिए सही समझ और चीजों को तटस्थता के साथ देखने की आवश्‍यकता होती है।

 

Topics: secularPIL#SupremeCourtdharmakendriyavidhyalayaprayerpsedosecular
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS Suni Ambekar debunked Fake news

RSS को लेकर मीडिया फैला रहा मनगढ़ंत खबरें, ‘धर्मनिरपेक्ष-सामाजवादी बहस’ पर चल रहीं फेक न्यूज, जानिये क्या है सच्चाई

Karnaprayag Illegal Majar Nainital Highcourt

नैनीताल हाईकोर्ट ने चमोली में अवैध मजार हटाने के लिए जिला प्रशासन को दिए निर्देश

श्रीलंकन एयरलाइन के इस पांच मिनट के वीडियो को देखकर लोग आनंदित महसूस कर रहे हैं

यह है ‘कनेक्शन’ रामायण, श्रीलंका की विमान सेवा और भारत का! गजब के विज्ञापन ने जीता सबका दिल

आज भी कांग्रेसियों को है सावरकर का डर!

Uttarakhand high court order police to remove Loud speaker from the mosque

उत्तराखंड: पुलिस प्रशासन ने नहीं उतारे मस्जिद से लाउडस्पीकर, हाई कोर्ट हुआ नाराज

पहचान छिपाने और दिखाने का खेल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies