नोएडा सेक्टर-93-ए में सुपर टेक कंपनी के दो अवैध टावर को आज यानी रविवार दोपहर ढाई बजे विस्फोट से ढहा दिया जाएगा। यह दोनों टावर दिल्ली की कुतुबमीनार से भी ऊंचे और भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े हैं। इस पूरी प्रक्रिया में नौ से 12 सेकंड लगेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। टावर गिराने के लिए जेट डेमोलिशन, एडफिस इंजीनियरिंग और सीबीआरआई की टीम ने शनिवार को टावर के अंदर विस्फोटक से जुड़े वायर की जांच और ‘ट्रिगर’ दबाए जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। नोएडा प्राधिकरण और पुलिस ने आसपास की व्यवस्था को दुरुस्त किया।
सेक्टर-93-ए में बने 103 मीटर ऊंचे (32 मंजिला) एपेक्स और 97 मीटर ऊंचे (29 मंजिला) सियान टावर को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलोग्राम विस्फोटक अलग-अलग फ्लोर पर लगाया गया है। सुरक्षा कारणों से एमराल्ड कोर्ट और आसपास की सोसायटी के फ्लैट्स खाली करा लिए गए हैं। इसके अलावा करीब तीन हजार वाहनों और 200 पालतू पशुओं को भी बाहर कर दिया गया है। ध्वस्तीकरण क्षेत्र के आसपास के 500 मीटर इलाके को निषेध क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां केवल छह लोग ब्लास्ट साइट से 100 मीटर की दूरी पर रहेंगे। इनमें तीन दक्षिण अफ्रीकी ब्रिंकमैन, मार्टिंस, केविन स्मिथ शामिल हैं। इनके अलावा साइट इंचार्ज मयूर मेहता, इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता और एक पुलिस अधिकारी वहां होंगे। एडफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के मुताबिक पुलिस की मंजूरी मिलने पर दोपहर ढाई बजे ‘ट्रिगर’ दबाया जाएगा।
डीसीपी (यातायात) गणेश पी साहा के मुताबिक डायवर्जन लागू करने का कार्य देररात पूरा कर लिया गया। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे दोपहर 2:15 से लेकर 2:45 तक बंद रहेगा। धूल का गुबार अगर एक्सप्रेस-वे की तरफ रह, तो इसे कुछ और देर के लिए बंद रखा जा सकता है। एक्सप्रेस-वे के बंद होने की जानकारी गूगल मैप पर करीब 45 मिनट पहले दिखनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए वैकल्पिक मार्ग गूगल मैप में दिखेगा।
डीसीपी (सेंट्रल) राजेश एस ने बताया कि करीब 400 पुलिसकर्मियों के साथ पीएसी और एनडीआरएफ के जवान भी तैनात रहेंगे। नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि छह एंबुलेंस मौके पर रहेंगी और जिला अस्पताल के साथ फैलिक्स और यथार्थ अस्पताल में भी बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऋतु माहेश्वरी के मुताबिक करीब 60 हजार टन मलबा दोनों टावर से निकलेगा। इसमें से करीब 35 हजार टन मलबे का निस्तारण कराया जाएगा। ध्वस्तीकरण के बाद उठने वाली धूल को साफ करने के लिए कर्मचारी, स्वीपिंग मशीन, एंटी स्माग गन और पानी छिड़कने की मशीन के साथ वहां मौजूद रहेंगे। एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के 1396 फ्लैट्स में रह रहे करीब 7000 लोगों में से 90 प्रतिशत ने शनिवार शाम अपने घर खाली कर दिए। ये लोग कहीं और चले गए। बाकी लोगों ने रविवार सुबह सात बजे तक फ्लैट खाली कर दिए। ये सभी आज शाम पांच बजे क्लीयरेंस मिलने पर अपने फ्लैट्स में लौट पाएंगे।
वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक से ध्वस्त किए जाएंगेः ट्विन टावरों को गिराने का काम वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक के जरिए किया जाएगा। यह तकनीक दोनों टावर को कुछ ही सेकेंड में ताश के पत्तों की गिरा देगी। वाटरफॉल तकनीक का मतलब है कि मलबा पानी की तरह गिरेगा। यह तकनीक इनको ढहाने के बाद इतिहास में दर्ज कर देगी।
नॉटिकल मील तक बंद रहेगा एयर स्पेसः नोएडा प्राधिकरण ने इस बारे में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें एक अहम एयर स्पेस को लेकर है। टावरों के आसपास एक नॉटिकल मील (समुद्री मील) का हवाई क्षेत्र विमानों के लिए बंद रहेगा। एक नॉटिकल मील लगभग 1.8 किलोमीटर के बराबर होता है।
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