पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक सप्ताह के अंदर सिख, हिंदू के बाद अब कट्टरपंथियों ने अहमदिया समुदाय को निशाना बनाया है। अहमदिया समुदाय की 16 कब्रों को तोड़ दिया गया है। इस घटना के बाद एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर हो गया है कि आखिर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा सलूक किया जा रहा है।
जमात अहमदिया पंजाब के प्रवक्ता आमिर महमूद ने बताया कि 22 अगस्त को अज्ञात लोगों ने पंजाब के फैसलाबाद जिले में लाहौर से 150 किलोमीटर दूर मानावाला में अहमदियों की 16 कब्रें तोड़ दी हैं। कब्रों पर पत्थरबाजी कर बेअदबी भी की गई है। आरोपियों ने कब्र में लगे पत्थरों पर आयतें लिख दी हैं। उन्होंने कहा कि यह कब्रिस्तान 75 साल पुराना है। पहले कभी यहां ऐसी घटना नहीं हुई। आमिर महमूद ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम मौलवी अहमदियों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं, जिसकी वजह से मजहबी कट्टरपंथी कब्रों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आमिर महमूद ने बताया कि कब्र तोड़े जाने की घटना से संबंधित शोक संतृप्त परिवार दुखी हैं और सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के कई हिस्सों में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां अहमदी समुदाय की कब्रों को मजहबी कट्टरपंथियों द्वारा तोड़ा या नुकसान पहुंचाया गया है। सिर्फ 2022 की बात करें तो अब तक 185 अहमदिया कब्रों को तोड़ा जा चुका है। दरअसल अहमदिया समुदाय को पाकिस्तान की संसद ने 1974 में गैर मुस्लिम घोषित कर दिया था। उन्हें हज यात्रा की भी मंजूरी नहीं है।
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में एक हिंदू शख्स को निशाना बनाया गया था। उस पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाकर उसके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करा दिया गया। उसके बाद कट्टरपंथियों ने उसके घर पर हमला कर दिया। मौके पहुंची पुलिस ने कट्टरपंथियों पर कार्रवाई नहीं की, उल्टा पीड़ित को ही गिरफ्तार कर लिया। उससे पहले खैबर पख्तूनख्वा में स्कूल में पढ़ाने वाली एक सिख लड़की को मुस्लिमों ने अगवा करके कन्वर्ट करने के बाद उसका एक मुस्लिम से निकाह करा दिया था।
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