भारतीय मूल के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर पश्चिमी न्यूयॉर्क में हमला हुआ है। 75 वर्षीय सलमान रुश्दी पर हमला उस समय हुआ जब वे कार्यक्रम में लेक्चर देने के लिए स्टेज पर थे। इसी दौरान स्टेज एक युवक पहुंचा और उनके गले पर चाकू से हमला करते हुए मुक्कों की बरसात कर दी जिसके बाद रुश्दी स्टेज पर गिर गए और उनके चेहरे से खून देखा गया। हालांकि वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को मौके पर पकड़ लिया और रुश्दी को बचाने के लिए चारों तरफ से घेर लिया। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हमलावर के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल सकी है। हमला क्यों किया गया, इसकी भी जानकारी नहीं मिल पाई है।
सलमान रुश्दी दुनिया के मशहूर लेखकों में से एक हैं। उनकी ‘द मिड नाइट चिल्ड्रेन’, द सैटेनिक वर्सेज आदि कई उपन्यास दुनिया भर में मशहूर है। उनको द मिड नाइट चिल्ड्रेन किताब के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। रुश्दी को पहले भी हमले की धमकियां मिलती रही हैं।
ईरान ने जारी किया था मौत का फतवा
रुश्दी का उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज वर्ष 1988 में प्रकाशित हुआ था। इस पर ईरान ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। अयातुल्लाह अली खुमैनी ने मौत का फतवा जारी किया था। उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। उनका यह उपन्यास कई इस्लामिक देशों में प्रतिबंधित है। करीब 33 साल से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर थे। आज उन पर जानलेवा हमला हुआ है। कई मुसलमान इस उपन्यास को ईशनिंदा मानते हैं। कट्टरपंथी मुस्लिमों का कहना है कि इस उपन्यास में सलमान रुश्दी ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया है। किताब का शीर्षक एक विवादित मुस्लिम परंपरा के बारे में है। इस उपन्यास के जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी की भी हत्या कर दी गई थी। कट्टरपंथियों ने किताब के प्रकाशक को भी निशाना बनाया था।
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