विदेश मंत्रालय ने ताइवान के हाल के घटनाक्रम पर संबंधित पक्षों से शांति और यथास्थिति बनाए रखने का आग्रह किया है। भारत का मत है कि यथास्थिति में बदलाव की कोई कोशिश नहीं की जाना चाहिए तथा संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि ताइवान से जुड़े हाल के घटनाक्रम को लेकर भारत अन्य देशों की ही तरह चिंतित है। हम संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करते हैं। किसी भी तरफ से एकतरफा बदलाव की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। तनाव कम करने के उपायों के साथ क्षेत्र की शांति और सामान्य स्थिति बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
प्रवक्ता ने ‘एक चीन’ नीति के संबंध में भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस संबंध में हमारी नीति सुसंगत है और हमेशा से एक जैसी रही है। यह सर्वविदित है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि दुनिया के अधिकतर देशों की तरह ही भारत ‘एक चीन’ की नीति अपनाता है। इस नीति के तहत ताइवान को चीन का एक पृथक हिस्सा मानता है। विश्व समुदाय ताइवान को चीन में जबरन शामिल करने की किसी कोशिश के खिलाफ है।
हाल ही में अमेरिकी संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ रिपर्जेंटेटिव) की अध्यक्ष नेंसी पलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था। चीन ने पलोसी के दौरे का विरोध किया था और ताइवान के इर्द-गिर्द सैन्य अभ्यास किया था। इस दौरान वहां तैनात अमेरिकी नौसेना भी सतर्क हो गई थी।
टिप्पणियाँ