रक्षाबंधन में पर्व पर चाइनीज राखियों की मांग को इस बार काशी के गुलाबी मीनाकारी पर बनी राखियों ने पीछे छोड़ दिया है। इस कला पर बनी राखियों की मांग अमेरिका, यूके और इटली समेत कई देशों में बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गुलाबी मीनाकारी की राखियों की डिमांड प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वोकल फॉर लोकल योजना की वजह से भी रंग ला रही है।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पी कुंज बिहारी ने बताया कि इस बार 10 लाख रुपये से ज्यादा का डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजारों से है। काशी के उत्पादों की मांग काफी बढ़ी है। जिसकी वजह से लोगों को काफी रोजगार मिला है। महिलाओं की रुचि इस कला में बहुत है। जो 200 से 500 रुपये प्रतिदिन कमा रही हैं। गुलाबी मीनाकारी की राखियों का इस्तेमाल बाद में लॉकेट के रूप में भी किया जा सकता है।
वाराणसी के संयुक्त आयुक्त उद्योग रमेश सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को काशी की धरोहर हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को उपहार में देने का प्रचलन काफी बढ़ा है। चाइनीज उत्पादों की मांग काफी घटी है। सैकड़ों वर्षों पुरानी कला पुनः जीवंत होकर बाजारों की रौनक को बढ़ा रही है।
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