ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के दमदार उम्मीदवार भारतीय मूल के ऋशि सुनक ने इस्लामी आतंक और चरमपंथ को ब्रिटेन के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया है। उन्होंने स्पश्ट कहा है कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो इन जिहादी गुटों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की दौड़ में वो लिज को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ऋषि सुनक ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री के लिए हमारे देश तथा लोगों को सुरक्षित रखने से ज्यादा अहम और कोई काम नहीं है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने कल अपने भाशण में इस्लामी चरमपंथ पर खुलकर हमला बोला। इन गुटों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का आष्वासन देने के साथ ही इस्लामी आतंकवाद को ब्रिटेन के लिए सबसे बड़ा खतरा बताकर उन्होंने अपने एजेंडे की एक झलक दी है। सुनक का कहना है कि वे चरमपंथ की वर्तमान सरकारी परिभाषा को और व्याापक करते हुए आंतकवाद रोधी कानूनों को और मजबूती देंगे।
सुनक ने आगे कहा कि इस्लामी चरमपंथ से निपटने के लिए कोशिशों को दोगुना करने की बात हो या ब्रिटेन में नफरत फैला रहे लोगों से निपटने की बात, इस दायित्व को पूरा करने के लिए जो जरूरी है वह किया जाएगा। ब्रिटेन स्वतंत्रता, सहिष्णुता तथा विविधता का मार्ग दिखाजा है, लेकिन यह भी तय है कि हम उन लोगों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे जो हमारी जीवनशैली को नष्ट कर देना चाहते हैं।
सुनक बोरिस जाॅनसन सरकार में वित्त मंत्री रहे हैं।
ब्रिटेन में इस्लामी आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इस मुद्दे पर लिज फिलहाल चुप ही हैं। संभवतः वहां की राजनीति में हावी कट्टरपंथी तत्वों के दबाव में वे ऐसा कुछ बोलने से घबरा रही हों। लेकिन सुनक ने इस बिंदु पर जिस बेलाग तरीके से बात रखी है वह सभ्य समाज में काफी सराही जा रही है।
42 वर्षीय सुनक प्रधानमंत्री पद के मुकाबले में अपनी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार पूर्व विदेष मंत्री लिज ट्रस और अपने बीच फर्क को लगातार कम करते जा रहे हैं। उनका ब्रिटेन में इस्लामी आतंकवाद के प्रति ऐसा कड़ा रुख सब जगह सराहा जा रहा है। वे वहां के पहले नेता हैं जिन्होंने इस्लामी जिहाद के विरुद्ध इतना सख्त रुख दिखाने की हिम्मत की है।
आतंकी संगठनों को कुचलने का उनका कथन ब्रिटेन में लगातार सिर उठा रहे जिहादी तत्वों को रास नहीं आया होगा। पिछले कुछ साल से उस देष में इस्लामी कट्टरपंथ बढ़ता देखा गया है। कट्टर मुल्ला-मौलवी सरकार को अपने इषारों पर चलाने तक की जुर्रत करते नजर आए हैं।
वहां के संस्थानों तक में ऐसे तत्वों ने घुसपैठ कर ली है और बीच सड़क पर नमाज पढ़ने को अपना हक ठहराया है। यही वजह है कि ब्रिटेन में इस्लामी आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इस मुद्दे पर लिज फिलहाल चुप ही हैं। संभवतः वहां की राजनीति में हावी कट्टरपंथी तत्वों के दबाव में वे ऐसा कुछ बोलने से घबरा रही हों। लेकिन सुनक ने इस बिंदु पर जिस बेलाग तरीके से बात रखी है वह सभ्य समाज में काफी सराही जा रही है।
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