राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक में केदारनाथ और हेमकुंड के लिए बनने वाले रोपवे प्रोजेक्ट को अनुमति नहीं मिल पाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित इस प्रोजेक्ट के लिए अधूरी फाइल लेकर अधिकारी बैठक में पहुंचे थे।
जानकारी के मुताबिक बीते दिन महाराष्ट्र में आयोजित राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक में चीन सीमा तक जाने वाली नेलांग घाटी की सुमला से थांगला 11.85 किलोमीटर की सड़क योजना और मंडी से सायचोकला तक जाने वाली 17.60 किलोमीटर की सड़क योजना को एनओसी दे दी गई है। इन सड़कों को गंगोत्री वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से होकर गुजरना है और सीमा सुरक्षा की दृष्टि से इनका बनाना बेहद जरूरी समझा गया है।
बोर्ड ने उत्तराखंड के वन सचिव आरके सुधांशु और वाइल्ड लाइफ चीफ समीर सिन्हा के द्वारा रोपवे फाइल को अधूरा मानते हुए एनओसी देने से फिलहाल मना कर दिया। ये रोपवे केदारनाथ और श्री हेमकुंड के लिए बनाए जाने हैं और इस प्रोजेक्ट की घोषणा खुद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई थी और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण से बनवाए जाने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री सीता रमन ने इसके लिए बजट भी जारी किया हुआ है।
उत्तराखंड के अधिकारियों द्वारा आधी अधूरी जानकारी लेकर जाने पर एक बार फिर से नौकरशाही पर सवाल खड़े हुए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पिछले दिनों अधिकारियों की बैठक में केंद्र वित्त पोषित परियोजनाओं में काम सुस्त होने पर नाराजगी जाहिर की थी और स्वयं हर 15 दिन में योजनाओं की कार्य प्रगति की समीक्षा करने की बात कही थी।
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