कानपुर हिंसा के मामले में जेल में बंद मुख्तार उर्फ बाबा बिरयानी एवं उसके गुर्गों ने स्वरूप नगर में स्थित आठ दुकानों पर बल पूर्वक कब्जा कर रखा है। दुकान की मालिक जीनत, कैंसर पीड़ित हैं। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि बिरयानी बाबा ने जीनत से दुकान किराए पर लिया था। उसके बाद उसने उन दुकानों को तोड़कर तीन दुकान में परिवर्तित कर दिया।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी कानपुर नगर को सौंप दी है। जिलाधिकारी की अनुमति प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बाबा बिरयानी, मुश्ताक और अन्य लोगों ने मिलकर स्वरूप नगर मोहल्ले की रहने वाली कैंसर पीड़िता जीनत आजमी की दुकानों पर कई वर्षों से कब्जा जमाए हुए हैं। इस प्रकरण की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की गई थी। इसके बाद अपर नगर मजिस्ट्रेट और एसीपी स्वरूप नगर ने जांच की। जांच में बाबा बिरयानी और उसके गुर्गे दोषी पाए गए।
जानकारी के अनुसार चार दुकानदारों ने स्वीकार किया है कि दुकान की मालिक जीनत आजमी हैं। ये लोग किराएदार की हैसियत से उस दुकान में दाखिल हुए थे। जांच के दौरान बिरयानी बाबा के भाई मुश्ताक को कई बार नोटिस दी गई। मगर मुश्ताक बयान देने नहीं आया। पुलिस ने बताया कि अपर नगर मजिस्ट्रेट और पुलिस की संयुक्त रिपोर्ट जिलाधिकारी के यहां भेज दी गई है।
जांच के दौरान जीनत ने पुलिस को बताया कि उनके पति मुमताज अहमद ने स्वरूप नगर में वर्ष 2001 में दुकानें बनवाई थी। वर्ष 2002 में बिरयानी बाबा उर्फ मुख्तार ने अपने भाई मुश्ताक के नाम पर 11 माह के लिए दो दुकानें किराए पर ली थी। उसके बाद धीरे-धीरे उसने आठ दुकानों पर कब्जा कर लिया। दुकान खाली करने के लिए जब भी कहा तो पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देता था।
टिप्पणियाँ