दो साल से कोरोना महामारी के चलते सभी का जीवन रुक सा गया था। उससे लड़ने के बाद सावन के पहले सोमवार के दिन काशी-विश्वनाथ दरबार में कॉरिडोर बनने के बाद पहली बार करीब 18 घंटे के अंदर साढ़े पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन- पूजन और जलाभिषेक किया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए धाम में पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
सावन के पहले सोमवार के दिन श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक कर बाबा से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जा रहे हर-हर महादेव और बोल बम के नारे से पूरा परिसर भक्ति मय हो गया। मंगला आरती के बाद जैसे ही भोर 4 बजे दर्शन के लिए आम श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू हुआ, वैसे ही भक्तों का रेला परिसर में उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन पूजन कर उनसे जीवन मंगल की कामना की।
अलग-अलग प्रवेश द्वारों पर पेयजल की व्यवस्था की गई थी। बाबा विश्वनाथ का भव्य श्रृंगार किया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सुबह 4 बजे से लेकर रात्रि के 10 बजे तक लगभग साढ़े पांच लाख लोगों से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन पूजन किया। पहली बार गंगा घाट से भी श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा टेंट, पेयजल, मैटिंग एवं मेडिकल सुविधा की व्यवस्था की गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा के अन्नक्षेत्र में जाकर प्रसाद ग्रहण किया। किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसलिए मंदिर में पुलिस और सीआरपीएफ के अलावा वॉलिंटियर्स भी तैनात किए गए थे।
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