सहारनपुर में खनन माफिया महमूद अली को यूपी पुलिस ने नवी मुंबई से धर दबोचा। महमूद अली बसपा के पूर्व एमएलसी है और पुलिस को करीब बीस मामलों में उसकी तलाश थी। महमूद अली की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उसके बड़े भाई हाजी इकबाल की तलाश कर रही है।
सहारनपुर पुलिस को दी गई एक तहरीर के बाद दर्ज एफआईआर में महमूद अली और हाजी इकबाल पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। पुलिस में दर्ज इस रिपोर्ट के बाद महमूद अली की गिरफ्तारी तो हो गई, लेकिन हाजी इकबाल अभी भी फरार है। इस मामले में यूपी हाई कोर्ट से इकबाल को राहत नहीं मिली है, उनके वकील द्वारा दी गई अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
हाजी इकबाल भी बसपा के विधान परिषद सदस्य रह चुका है और इन दोनों के परिवारों के सदस्यों पर गैंगस्टर के तहत बीस से ज्यादा मामले दर्ज हैं। दोनों परिवारों की करीब पांच सौ करोड़ की संपत्ति को प्रशासन ने कुर्क किया हुआ है। हाजी इकबाल के तीनों पुत्र पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हाजी परिवार पर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने, यमुना और उसकी सहायक नदियों में अवैध खनन करने के आरोप हैं। इन पर एनजीटी ने भी 50 करोड़ का जुर्माना लगाया हुआ है।
इस परिवार ने बसपा शासन काल में तीन चीनी मिलों को भी औने पौने दाम पर खरीदा हुआ था। उसे भी जांच के बाद कुर्क कर दिया गया था। पुलिस ने महमूद अली को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में 22 जुलाई तक जेल भेज दिया गया है। पुलिस रिमांड पर महमूद अली से लंबी पूछताछ करने की बात कह रही है। महमूद अली की गिरफ्तारी के बाद से सहारनपुर जिले में उनके साझेदारों में हलचल तेज हो गई है। एक साझेदार ने पहले ही इन दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज करवाए हैं। एसएसपी डॉ. विपिन टाडा ने कहा है कि राजस्व विभाग महमूद अली की संपत्तियों की अलग से जांच कर रही है। उनके भाई हाजी इकबाल की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
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