भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। धनखड़ मूल रूप से राजस्थान में झुंझुनू जिले के किठाना गांव के रहने वाले हैं। धनखड़ नौंवीं लोकसभा (1989 से 1991) के लिए राजस्थान में झुंझुनू संसदीय सीट से जनता दल उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। उसी दौरान कुछ समय के लिए वे वी.पी. सिंह गठबंधन सरकार में संसदीय कार्य मंत्रालय में उप मंत्री बने। धनखड़ स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के बाद उपराष्ट्रपति बनने वाले दूसरे राजस्थानी बन सकते हैं।
उन्होंने 1991 में जनता दल छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। उन्होंने 1991 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा के रासासिंह रावत से हार गए। 1993 में वे राजस्थान विधानसभा चुनाव में अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा चुनाव से कांग्रेस टिकट पर लड़ कर विजयी हुए। उन्होंने भाजपा के जगजीतसिंह को एक हजार नौ सौ 58 वोटों से हराया था। 1998 में वे झुंझुनू से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ कर तीसरे स्थान पर रहे थे। 2003 में उन्होंने वसुंधरा राजे के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। गत विधानसभा चुनावों में उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा होती रहती थी, मगर उन्होंने भाजपा नहीं छोड़ी।
जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान में झुंझुनू जिले के किठाना गांव में एक सामान्य किसान परिवार में 18 मई 1951 को हुआ था। इनके पिता चौधरी गोकुलचंद धनखड़ खेती करते थे। धनखड़ ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ व राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से शिक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने 1977 से राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत करनी शुरू कर दी थी। 1986 में मात्र 35 वर्ष की उम्र में ही धनखड़ राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बन गए थे। वे बार कौंसिल के भी सदस्य रहे है। धनखड़ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी रह चुके हैं तथा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन पेरिस के सदस्य हैं। राजस्थान के जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिलाने में धनखड़ की महत्ती भूमिका रही थी। धनखड़ के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित होने पर उनके गांव किठाना गृह जिले झुंझुनू सहित राजस्थान के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
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