उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में मुस्लिम युवकों द्वारा नाबालिग हिंदू लड़कियों को अपने झूठे प्रेम जाल में फंसा कर दुष्कर्म करने और निकाह करने के मामले सामने आ रहे हैं। लव जिहाद के बढ़ते मामलों से पुलिस और बाल कल्याण विभाग भी हैरान है।
एक सूचना में मिली जानकारी के मुताबिक बरेली जिले में पिछले 6 माह में 250 नाबालिग लड़कियों के उत्पीड़न, शोषण के मामले, बाल कल्याण समिति और पुलिस की नजरों में आए हैं। इन्हीं आंकड़ों के बीच एक आंकड़ा और भी सामने आया है, जिसमें हिंदू नाबालिग लड़कियों को मुस्लिम युवकों द्वारा बहला फुसलाकर भगा ले जाने, उनका यौन शोषण करने, अपना नाम बदलकर हिंदू नाम रखकर हिंदू लड़कियों को झूठे प्रेम जाल में फंसाने और गर्भवती हो जाने पर निकाह के लिए कन्वर्जन कराने के 46 मामले सामने आए हैं। यानि हर माह 7 नाबालिग हिंदू लड़कियां लव जिहाद का शिकार हो रही हैं।
ये आंकड़ा केवल नाबालिग हिंदू लड़कियों का है अभी बहुत से मामले बालिग लड़कियों के भी हैं, जिन्हें मुस्लिम लड़के नाम बदल कर अपने प्रेम जाल में फंसा लेते हैं और फिर उनका यौन शौषण कर उन पर कन्वर्जन का दबाव बनाते हैं। पुलिस और बाल कल्याण की रिपोर्ट ये भी कहती है कि मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों को घर से जेवर, नकदी चुराने के लिए भी कहा जाता है।
बरेली बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्रा कहते हैं कि ऐसा उनके संज्ञान में तब आया जब पुलिस ने नाबालिग हिंदू लड़कियों को बरामदगी के बाद उनके आश्रय गृह के लिए बाल कल्याण समिति को सूचित किया। वे बताते हैं कि ये वो आंकड़ा है जो हमारे पास दर्ज है, बहुत से केस ऐसे भी होंगे जो हम तक या पुलिस तक भी नहीं पहुंच रहे होंगे।
बहरहाल बरेली जनपद में लव जिहाद का खेल, पश्चिम यूपी की अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा दिखाई दे रहा है। बरेली पुलिस भी इन मामलों को रोक पाने में बेबस दिखाई दे रही है। पत्रकार रणदीप सिंह कहते हैं ये सामाजिक समस्या है, लव जिहाद को रोकने के लिए हिंदू परिवारों को अपने घर से संस्कार और बच्चों पर नजर रखने जैसे उपायों पर विचार करना होगा। खास तौर पर नाबालिग के मोबाइल पर तो बराबर नजर रखनी होगी।
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