जम्मू-कश्मीर स्थित पुलवामा के चौधरीबाग-लित्तर मार्ग पर पटाखों से लैस पांच किलोग्राम का गैस सिलेंडर पाया गया है, जिसे सुरक्षाबलों ने निष्क्रिय कर दिया है। इसके बाद पटाखों के साथ लगे सिलेंडर में बम होने के कारण इसे नष्ट करने के लिए बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया, जिसे सुरक्षित स्थान पर ले जाकर निष्क्रिय कर दिया गया। सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया है। मामले में जांच जारी है। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के बीच आतंकियों साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया है। खबरों के अनुसार खुफिया सूचना के आधार पर पुलवामा पुलिस, 55 आरआर और सीआरपीएफ 182 बीएन के जवानों ने संयुक्त रूप से एक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान सुरक्षाबलों को चौधरीबाग-लित्तर रोड पर 5 किलोग्राम वजन का पटाखों से लैस एक गैस सिलेंडर मिला था। इसके बाद बम को निष्क्रिय बनाने तक सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही को बंद रखा गया था। लगातार सुरक्षाबलों से मिल रही करारी हार से आतंकवादी बौखलाए हुए हैं और हिंसा के नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं।
#WATCH Pulwama police along with 55 RR & CRPF 182/Bn today recovered a gas cylinder fitted with firecrackers weighing five kgs which was planted at Litter Chowdribagh road, Pulwama to harm the security forces. The suspicious cylinder was defused on spot.
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/7HbbDpra3S
— ANI (@ANI) July 12, 2022
बता दें कि बीते सोमवार को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में जिन दो आतंकवादियों को मार गिराया था, उनके पास से अमेरिका में बनी राइफल (एम -4 कार्बाइन) और एक पिस्तौल बरामद की गई है। साथ ही हथियार और गोला-बारूद के साथ अन्य दूसरी आपत्तिजनक सामग्रियां भी बरामद हुई है। बता दें कि सुरक्षा बलों ने वांडकपोरा इलाके में हुई मुइभेड़ में शीर्ष आतंकी कैसर कोका को मार गिराया था, जबकि दूसरे आतंकवादी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
अब तक 125 आतंकी ढेर
जम्मू-कश्मीर में इस साल हुई 55 मुठभेड़ में 125 आतंकी मारे गए हैं। तो वहीं आतंकियों ने 8 ग्रेनेड हमले किए हैं। पिछले साल यानी 2021 में घाटी में 146 आतंकी मारे गए थे। इसी तरह पिछले 4 साल में जम्मू कश्मीर में 700 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं। 2018 में 187, 2019 में 121, 2020 में 181 और 2021 में 142 युवा आतंकी संगठनों में भर्ती हुए। वहीं, 2022 में जून के आखिर तक 69 युवाओं ने आतंक का रास्ता चुना है। हालांकि जम्मू—कश्मीर पुलिस और सेना स्पष्ट कर चुकी है कि जो भी आतंक के रास्ते पर जाएगा वह मारा जाएगा। सुरक्षा बल राज्य में आतंक और उनके पालने वालों की कमर तोड़ने में लगे हुए हैं।
टिप्पणियाँ