रामपुर, नैनीताल, देहरादून के बाद अब मुरादाबाद में गृह मंत्रालय के अधीन शत्रु संपत्तियों पर कब्जे की बात सामने आई है। संपत्ति की कीमत 500 करोड़ से अधिक की बताई जा रही है और इस पर मुस्लिम लोगों ने कब्जा किया हुआ है।
मुरादाबाद के एडीएम एसके सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक जांच आदेश के बाद मुरादाबाद जिले में शत्रु संपत्तियों की खाता खतौनी की जांच पड़ताल की गई। इसमें ये पाया गया कि अभिलेखाकार कार्यालय में रईस अहमद और फराज लिपिकों ने मिलकर करीब पच्चीस करोड़ की एक संपत्ति के फर्जी कागजात तैयार करवा कर मुहम्मद शमीम को दिए। इन्हीं कागजात के आधार पर शमीम ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में उक्त जमीन अपनी होने का दावा करते हुए इसे अपने नाम चढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। गृह मंत्रालय ने जिला प्रशासन को इस बारे में जांच करने को कहा तो पाया कि मूल अभिलेखों को रजिस्टर से फाड़ा गया है। इस बारे में आरके बाबू ने पुलिस में 24 मार्च 2019 में मुकद्दमा दर्ज करवाया था। जिस पर दो साल की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल हो गई है और इसमें दो लिपिकों और मुहम्मद शमीम के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं।
जांच में ये बात भी सामने आई है कि करीब पांच सौ करोड़ की शत्रु संपत्ति पर मुस्लिम लोग अवैध रूप से बसे हुए हैं। पिछले दो साल से चल रही जांच के दौरान ही अवैध रूप से काबिज लोग अपनी किरायेदारी दिखाकर जिला प्रशासन को किराया जमा कराने लगे हैं। इस पर भी गृह मंत्रालय ने नाराजगी जाहिर करते हुए उक्त जगह पर काबिज लोगों को नोटिस जारी करने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम ने पिछले दिनों शत्रु संपत्तियों का अवलोकन किया है और इनके दस्तावेजों के बारे में जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश भी दिए हैं। इसके आधार पर ये जानकारी सामने आई है कि करीब पांच सौ करोड़ की सरकार की शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से लोग काबिज हैं और उन्होंने इस जमीन को आपस में “पगड़ी” के आधार पर खरीदा-बेचा भी है। फिलहाल जिला प्रशासन ने उक्त संपत्तियों को अब अपने नियंत्रण में लेना शुरू कर दिया है।
क्या होती है शत्रु संपत्ति
आजादी के दौरान बंटवारे में हिंदुस्तान से जो लोग पाकिस्तान चले गए उनकी भू संपत्ति जो भारत में रह गई उसे शत्रु संपत्ति कहा जाता है। इस संपत्ति का मालिक गृह मंत्रालय होता है। ये संपत्ति सरकारी कार्य में और पाकिस्तान में अपनी संपत्ति छोड़ कर भारत आए हिंदुओं में आबंटित करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। पिछले दिनों भारत से पाकिस्तान गए मुस्लिम परिवारों के फर्जी वारिस दस्तावेज बनाकर शत्रु संपत्ति को हड़पने का खेल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में सामने आने से गृह मंत्रालय हरकत में आया है।
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