देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने शत्रु संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त करवाकर अपने कब्जे में लेने का अभियान और तेज कर दिया है। काबुल हाउस के बाद अब सर्वे चौक से लगी एक और कस्टोडियन संपत्ति को सरकार के नाम दर्ज करने के आदेश जिला प्रशासन ने दिए हैं।
देहरादून में राजस्व खातों में 1937 से रिक्त पड़ी सर्वे चौक के सामने करनपुर परगना परवा दून खेवट संख्या 16 खतौनी संख्या 17 आबादी की 0.6230 हेक्टेयर भूमि को अब अतिक्रमण मुक्त करके जिला प्रशासन अपना कब्जा लेने जा रहा है। इस बारे में जिला अधिकारी कार्यालय से अपर जिला अधिकारी (वित्त व राजस्व) राम जी शरण शर्मा के द्वारा सुनवाई के बाद आदेश जारी कर दिए गए हैं कि उक्त भूमि कस्टोडियन है और इसका कोई वारिस नहीं है। ये संपत्ति बीबी जवीदा बेवा शेर मोहम्मद खान के नाम हुआ करती थी, जिनका कोई विधिक वारिस नहीं है। आदेश में ये भी लिखा गया है कि उक्त संपत्ति अब बाजार में बहुत अधिक भाव की है, जिस वजह से इसके झूठे दावे हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ सालों से सहारनपुर के भू-माफिया गैंग फर्जी दस्तावेज बनाकर उक्त संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के काम पर लगे हुए थे। उल्लेखनीय है कि देहरादून में तीन दर्जन से अधिक शत्रु संपत्तियां प्रशासन ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर चिन्हित की हुई हैं और इन संपत्तियों का मालिक गृह मंत्रालय है और जिला अधिकारी को इस संपत्ति का केयर टेकर माना जाता है। इसी क्रम में काबुल हाउस की संपत्ति को डीएम सोनिका ने दो हफ्ते पहले खाली करवाया था। नैनीताल में भी मेट्रो पॉल होटल वाली राजा महमूदाबाद वाली संपत्ति खाली उत्तराखंड सरकार ने खाली करवाई थी। अब बीवी जवीदा बेवा शेर मोहम्मद की भूमि को उत्तराखंड शासन के नाम दर्ज किए जाने के आदेश 28 नवंबर को जारी किए गए हैं।
इस आदेश के बाद राजस्व विभाग ये संपत्ति, अतिक्रमण मुक्त करवाकर, अपने कब्जे में लेगा। देहरादून में काबुल हाउस के बाद ये दूरी कस्टोडियन संपत्ति है, जिसे जिला प्रशासन अपने कब्जे में करने जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि देहरादून जिला प्रशासन का अगला लक्ष्य अब फैज़ मोहम्मद शत्रु संपत्ति को खाली करवाने का है, जिस पर सैकड़ों लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। ये संपत्ति आईएसबीटी के पास टर्नर रोड और माजरावाला में बताई जा रही है।
क्या कहते हैं सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ये बात बार-बार कहते आए हैं कि राज्य में जितनी भी शत्रु या कस्टोडियन संपत्तियां हैं, उनमें से अवैध कब्जे खाली करवाए जाएंगे और उन्हें गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सुपुर्द किया जाएगा और इनकी देख रेख का काम जिला अधिकारियों को नियमानुसार करना होगा।
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