मेरठ में एनएच 58 पर बनी नरेश तोमर की कोठी को पुलिस प्रशासन ने कुर्क कर दिया है। नरेश तोमर, कुख्यात भू माफिया यशपाल तोमर का भाई है और उसके कारोबार में साझेदार है।
मेरठ पुलिस और जिला प्रशासन ने उत्तराखंड जेल में बन्द यशपाल तोमर और उसके साझेदारों की जांच पड़ताल करते हुए संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई तेज कर दी है। यशपाल तोमर ने अपने भाई नरेश के नाम से एक आलीशान कोठी एनएच 58 पर बनवाई थी। इस कोठी पर पुलिस ने कुर्की का बोर्ड चस्पा दिया है। इससे पहले बागपत नोएडा और मेरठ जिले में कई संपत्तियों को भी पुलिस ने कुर्क किया है। दिल्ली में भी एक प्रॉपर्टी को पुलिस ने सील करते हुए नोटिस चिपकाया था।
हरिद्वार में पुलिस प्रशासन ने 153 करोड़ की भू संपत्ति को सील कर दिया था और यशपाल तोमर को गिरफ्तार किया था। दोनों राज्यों की पुलिस ने उस पर गैंगस्टर के तहत मामले दर्ज किए हुए हैं। पश्चिम यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड और हरियाणा में जमीनों पर कब्जा करने, पारिवारिक विवाद में उलझे परिवारों की जमीन हथियाने के खेल में यशपाल तोमर ने करीब तीन हजार करोड़ की संपत्तियों को अपने कब्जे में किया हुआ था और उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य गंभीर मामले दर्ज हैं।
यशपाल तोमर अपने राजनीतिक दबदबे की वजह से सपा सरकार के समय से चर्चा में आया था और उसने राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर जमीनों को खुर्दबुर्द करने का धंधा शुरू किया था। योगी सरकार के समय से इसके खिलाफ जांच शुरू हुई तो एक-एक करके दर्जनों मामले सामने आए और पीड़ित पक्षों की रिपोर्ट भी पुलिस ने दर्ज करनी शुरू की और उसके बाद सबसे पहले उसे उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने गिरफ्तार करके जेल भेजा।
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