आजमगढ़ स्थित हरिहरपुर घराने के सुर और साज को योगी सरकार नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। अपने निर्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजमगढ़ का हरिहरपुर संगीत साधकों की पुरातन स्थली है। संगीत जगत के लब्ध प्रतिष्ठ लोगों से परामर्श कर उनकी मंशानुरूप वहां कला-संगीत साधकों के हित में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही इस तरह की विरासतों को सहेजने और संवर्धन का आदेश दिया था। लोककल्याण संकल्प पत्र 2022 में विरासत से जुड़ी जगहों के लिए कई घोषणाएं की गई थीं। स्वर कोकिला लता मंगेशकर की याद में उनके नाम पर परफॉर्मिग आर्ट्स अकादमी की स्थापना, सूरदास ब्रजभाषा अकादमी, तुलसीदास अवधी अकादमी, केशवदास बुंदेली अकादमी, संत कबीरदास भोजपुरी अकादमी आदि की स्थापना आदि।
मुख्यमंत्री ने हरिहरपुर को लेकर जो निर्देश दिया है वह भी विरासत को संजोने की ही एक कड़ी है। प्रदेश की तरह विरासत के लिहाज से आजमगढ़ की धरती बेहद संपन्न है। देश-दुनिया में संगीत में अपना एवं भारत का नाम रोशन करने वाले पद्मविभूषण पंडित छन्नू मिश्रा हरिहरपुर घराने के ही थे। महान साहित्यकार राहुल सांस्कृत्यायन, कवि अयोध्या सिंह “हरिओम”, गजलकार एवं गीतकार कैफ़ी आज़मी का भी ताल्लुक आजमगढ़ से है।
राजनीतिक उपेक्षा के कारण आजमगढ़ को वो पहचान नहीं मिली जिसका वो हकदार था। उल्टे पूरे दुनिया में बदनाम हो गया। लोग यहां से जीते पर जीतने के बाद किया कुछ नहीं। पहली बार आजमगढ़ के समग्र विकास को ध्यान में रखकर योगी सरकार ने काम किया। यहां के उच्च शिक्षा के परिदृश्य को बदलने के लिए अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाओं से युक्त वैश्विक स्तर का विश्वविद्यालय महाराज सुहेलदेव के नाम से बन रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद प्रदेश, देश की राजधानी और अन्य प्रमुख महानगरों से जुड़ने से इसकी तरक्की की रफ्तार तेज होगी। शीघ्र ही आजमगढ़ हवाई सेवा से भी जुड़ेगा।
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