उदयपुर में मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन दावते-इस्लाम से जुड़े दो आतंकियों द्वारा हिन्दू युवक कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के बाद से आक्रोशित चल रहे हिन्दू समाज ने गुरुवार को कर्फ्यू के बीच मौन रैली निकाली। उन्होंने हत्याकाण्ड के आरोपितों के तार पाकिस्तान से जुड़े होने की गहन जांच और आरोपितों को त्वरित फांसी की मांग की।
नगर निगम प्रांगण से निकली इस मौन रैली में हजारों की संख्या में उदयपुर शहर और समीपवर्ती क्षेत्रों से सर्व समाज के नागरिक शामिल हुए। आतंक के खिलाफ कार्रवाई, हत्यारों की फांसी, कन्हैयालाल को न्याय दो आदि नारे लिखी तख्तियों तथा भगवा पताकाओं के साथ रैली नगर निगम प्रांगण से निकल कर सूरजपोल, बापू बाजार, बैंक तिराहा, देहलीगेट होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंची। संत समाज के नेतृत्व में जब नगर निगम प्रांगण से रैली रवाना होकर बापूबाजार पहुंची तो करीब ढाई किलोमीटर लम्बे बापूबाजार के चौड़े मार्ग पर तिल धरने तक की भी जगह नहीं थी। सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक समाजजन ही नजर आ रहे थे। खास बात यह रही कि अनुशासित रूप से रैली कलेक्ट्रेट पहुंची और वहीं पर सभा हुई। इस हत्याकाण्ड से व्यथित सर्व समाज ने कलेक्ट्रेट के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
‘घर से घर तक मौन’ के आह्वान के साथ निकली रैली में कहीं-कहीं जोशीले युवाओं ने वंदेमातरम, भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे भी लगाए, हालांकि उसी समय नेतृत्व कर रहे विभिन्न समाज संगठन के प्रमुख प्रतिनिधियों ने उन्हें टोका भी। इस प्रदर्शन का सम्पूर्ण नेतृत्व मेवाड़ के संत समाज ने किया, भाजपा-कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधि इसमें शामिल हुए और एक सुर से इस आतंकी कार्रवाई के आरोपितों को फांसी की सजा की मांग की गई।
रैली के जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचने के बाद समाज के प्रतिनिधियों ने उपस्थित जनमैदिनी को संबोधित करते हुए ऐसे तत्वों को जड़ से समाप्त करने की मांग की। इसके बाद मेवाड़ में बड़ीसादड़ी स्थित रामानुज आश्रम के मेवाड़पीठ के पीठाधीश सुदर्शनानंद ने ज्ञापन का वाचन किया। उन्होंने कहा कि हत्या करना और हत्या के बाद उसका वीडियो प्रदर्शन करना जिस मानसिकता को दर्शाता है वह मानसिकता स्वीकार नहीं की जा सकती।
इसके बाद संत समाज ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राजस्थान की गहलोत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने, मामले की जांच एनआईए से करवाकर हत्यारों को मृत्युदंड देने, सिमी, पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने, राजस्थान में रहने वाले राष्ट्रविरोधी तत्वों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई करने, मृतक के परिजनों को पांच करोड़ मुआवजा, दोनों पुत्रों को स्थानी सरकारी नौकरी, मृतक को बचाने के दौरान घायल हुए साथी के सम्पूर्ण उपचार सहित उसके पूरे परिवार की सम्पूर्ण सुरक्षा भी पुख्ता करने की मांग की गई।
ज्ञापन देने वालों में उदयपुर संत समाज के अध्यक्ष हरिदासजी की मगरी स्थित चतुर्भुज हनुमान मंदिर के महंत इन्द्रदेव दास, बड़ीसादड़ी के सुदर्शनानंद महाराज, धोलीबावड़ी रामद्वारा के महंत दयाराम, फतह स्कूल हनुमान मंदिर के महंत अमर गिरी, महाकालेश्वर हनुमान मंदिर के प्रवीण दास, महंत राधिकाशरण, साहू समाज के प्रतिनिधि आदि शामिल थे।
ज्ञापन के बाद जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि आरोपितों को पकड़ लिया गया है, लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की गई है, आरोपितों के सम्पर्क वालों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को निकलने वाली रथयात्रा निकलेगी और प्रशासन इसके लिए पूरी तरह चाक-चौबंद है।
इससे पहले, सुबह से ही शहर के विभिन्न हिस्सों और समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से समाजजनों का आना जारी रहा। कोई वाहन तो कोई पैदल ही नगर निगम प्रांगण पहुंचे। इस दौरान कर्फ्यू क्षेत्र से बाहर के क्षेत्रों में समाज ने स्वतः ही बाजार बंद रखे। रैली के बाद समाजप्रमुखों ने शामिल हुए सभी समाजजनों को अनुशासनपूर्वक घरों की ओर विदा किया।
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