मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामपुर की सुरक्षा और विकास के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार को जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि रामपुर की अपनी धरोहर है, लेकिन कुछ लोगों ने रामपुर की धरोहर को नष्ट करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया था। भू-माफिया गरीबों की जमीन पर अतिक्रमण करते थे, उन्हें प्रताड़ित करते थे। आज वाल्मीकि समाज के किसी परिवार को कोई उजाड़ नहीं सकता, किसी गरीब की जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। इतना ही नहीं, हमने तो भूमाफियाओं की ऐंठन को भी दूर कर दिया है। लेकिन लगता है कि रस्सी जल गई पर कुछ लोगों की ऐंठन अभी गई नहीं है। इसका भी पूरा इलाज कर कर दिया जाएगा, लेकिन रामपुर को फिर से अराजकता का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। पहले जो गंदा तालाब था वो सपा की की सोच का प्रतीक था, आज का अमृत सरोवर भाजपा की सोच को दर्शाता है।
सीएम योगी, मंगलवार को रामपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले मुख्यमंत्री आवास में पेशेवर दंगाई सम्मानित होते थे, आज साहिबजादों की स्मृति में बाल दिवस का आयोजन होता है। तब दुराचारियों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहते थे ‘लड़के हैं गलती हो जाती है,’ इस तरह का अपराध करने की आज किसी की हिम्मत नहीं है। भाजपा समस्या का समाधान करने वाली पार्टी है, जबकि सपा अराजकता पैदा करने वाली। सत्ता में आने के बाद, हमारी सरकार ने अब तक रामपुर में 640 हेक्टेयर भूमि माफियाओं से मुक्त कराकर गरीबों को वापस दे दी। ऐसे लोगों को उनके गलत कार्यों की सजा मिल रही है। भाजपा सरकार रामपुर को माफियाओं को रौंदने के लिए नहीं छोड़ सकती। जब रामपुर का चाकू हस्तशिल्पियों के हाथ में था तब रामपुर को विशिष्ट पहचान मिली और जब सपाइयों के हाथ आई तो जमीन पर कब्जा करने के लिए इस्तेमाल होने लगा ।
उन्होंने कहा कि, हमने बिना भेदभाव सभी को फ्री टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका उपलब्ध कराया। यहां तक कि जो लोग जेल में थे, उनका भी इलाज कराया। यह लोग गिरगिट से भी तेज रंग बदलते हैं। ऐसे लोगों से रामपुर को सावधान रहना होगा। यह जबरदस्ती थोपा हुआ चुनाव है। ऐसे लोगों को जनता से वोट मांगने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। डबल इंजन की सरकार की ओऱ से समग्र विकास के लिए बिना किसी भेदभाव के काम किया जा रहा है। यहां का ज़री पैचवर्क कार्य कमाल का है। धातु के तारों में मोती व रंगीन पत्थर पिरोकर कारीगर कपड़ों पर आकर्षक कढ़ाई करते हैं। आज तो विदेशों से भी लोग मंगा रहे हैं।
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