आए दिन पूर्णिया प्रमंडल में ऐसी घटनाएं होती हैं, जिनमें पीड़ित पक्ष महिला होती है। किशनगंज के पोठिया में छह दिन पूर्व एक नाबालिग लड़की का बलात्कार उसके ममेरे भाई ने किया। यह क्रम लगातार चला। जब वह लड़की गर्भवती हो गई तो उसने निकाह के लिए बोला तो आरोपी साफ पलट गया, उसने निकाह करने से मना कर दिया।
यह मामला भी खत्म हो जाता लेकिन जब पीड़िता आरोपित युवक के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाने महिला थाने जा पहुंची तो सबके सामने यह आ गया।
पीड़िता के बयान पर महिला थाने में आरोपी युवक मतलूब आलम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पीड़िता द्वारा दर्ज बयान के अनुसार उसकी मां बीमार रहती है। एक दिन घर में और कोई नहीं था तभी आरोपी युवक मतलूब आलम घर में प्रवेश कर गया और जान मारने का भय दिखाकर दुष्कर्म किया। साथ ही इसके बारे में किसी को कुछ न बताने की हिदायत दी।
इसके बाद लगातार मतलूब उसका शारीरिक शोषण करता रहा।
*पहले की जबरदस्ती, फिर शादी का झांसा*
पीड़िता जब भी शादी करने की बात कहती थी। आरोपी युवक बार—बार आश्वासन देकर बात को टाल जाता था। कुछ दिनों बाद पीड़िता गर्भवती हो गई। पीड़िता के गर्भवती होने की जानकारी उसके घर वालों को भी मिल गई। इसके बाद मामले को लेकर पंचायत हुई। पंचायत में आरोपी युवक मतलूब नहीं आया। सात जून को आरोपी के परिवार वाले पीड़िता के घर पहुंचे और पीडि़ता के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार करने लगे। इसके बाद पीड़िता न्याय की गुहार लगाने महिला थाना पहुंची। महिला थाने में मामला दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान आरंभ कर दिया है।
*नाबालिग को कश्मीर घुमाने का झांसा देकर किया शोषण*
14 जून को दूसरी घटना सामने आई है। इसके बारे में पता चला है कि कटिहार के राघोपुर में 21 वर्षीय अफरोज ने एक लड़की का 6 माह से अधिक समय तक शोषण किया। जब यह मामला सामने आया तो आरोपी उसे कश्मीर घुमाने का वादा याद दिलाकर जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश करने लगा। पीड़िता के अनुसार अफरोज की रुचि सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने में थी। जब भी शादी की बात होती वह बिदक जाता था। पंचायत ने दोनों की शादी को लेकर एक पंचनामा बना दिया, लेकिन अफरोज शादी के लिए राजी नहीं है। उल्टे पीड़िता और उसके परिजनों से मारपीट कर रहा है।
*पिता के सामने 19 वर्षीया युवती के साथ सामूहिक बलात्कार*
लड़कियों का बलात्कार करना, सामूहिक बलात्कार करना या फिर उसे लव जिहाद में फंसाकर बेच देना, यहां की सामान्य बात बनते जा रही है। 2019 में 4 फरवरी को 19 वर्षीया लड़की को उसके घर से खींचकर 6 लोगों ने बलात्कार किया। किशनगंज के कोढ़ाबारी में यह घटना लड़की के पिता के सामने घटी। रात को जब सब लोग सोने की तैयारी कर रहे थे तो 21 वर्षीय फैज़ आलम, अब्दुल मन्नान (27), कालू (27), मो कासिम (35), मो तकसीर (24) और अंसारी (35) जबरन इनके घर में घुस आए और लड़की व उसके पिताजी को खींचकर घर से आधा किलोमीटर दूर ले गए। पिता को रस्सी से बांधकर लड़की के साथ सबने दुर्व्यवहार किया। जाते जाते उन लोगों ने धमकी दी थी कि किसी को कुछ बताया तो दोनों को जान से मार देंगे।
पुलिस रिकॉर्ड्स के अनुसार हर वर्ष पूर्णिया प्रमंडल में बलात्कार की घटनाएं 20 प्रतिशत होती हैं, जबकि राज्य की 10% आबादी ही यहां निवास करती है। कोरोना के प्रथम चरण के समय जब सब लोग दहशत में थे तो किशनगंज के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक नाबालिग लड़की ने बच्चे को जन्म दिया। शादी का झांसा देकर मुन्ना नामक युवक उसका लगातार यौन शोषण करता रहा। जब लड़की गर्भवती हो गई तो वह उसे छोड़कर चला गया। लड़की के पिता ने जब लड़के वालों से संपर्क किया तो उसके साथ जमकर मारपीट हुई। इस मुद्दे पर 5 बार पंचायत बैठी लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाली ही रही। अंततः 22 सितंबर, 2020 को लड़की का सुरक्षित प्रसव एसपी कार्यालय के कॉरिडोर में हुआ।
*मौलवी करता था यौन शोषण*
यह घटना 2017 की कटिहार जिले के रौतारा थाना क्षेत्र के राजवाड़ा गांव की है। एक अत्यंत गरीब परिवार से आने वाली लड़की का रौतारा चापि मदरसा के मौलवी अताउर रहमान से संपर्क हुआ। इसके बाद मौलवी ने कई दिनों तक शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया। माता-पिता की मौत और चार बहनों के बोझ के कारण लड़की मौलवी के झांसे में आ गई थी।
बात सिर्फ मौलवी की ही नहीं है। कई सफेदपोश लोग भी इस घिनौने काम में संलग्न हैं। तत्कालीन जद(यू) के विधायक और बाहुबली तस्लीमुद्दीन के पुत्र पर भी इस प्रकार के कई आरोप लगते रहे हैं। लेकिन हद तो तब हो गई जब उन्होंने राजधानी एक्सप्रेस में एक युवती के साथ दुर्व्यवहार किया। 2016 की यह काफी चर्चित रही थी।
इस मामले में कई लोग विक्षिप्त जैसा बर्ताव करते हैं। गत वर्ष के दिसंबर माह में अररिया के ही भरगामा प्रखंड अंतर्गत बीरनगर पश्चिम पंचायत के वार्ड संख्या 4 में 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ। 1 दिसंबर को दुष्कर्म के बाद जाते जाते उसने पीड़िता को चुप रहने की धमकी भी दी।
*बच्ची से लेकर नर्स तक कोई सुरक्षित नहीं*
ऐसी घटनाएं सिर्फ गरीब और लाचार या छोटी उम्र की बच्चियों के साथ ही नहीं हो रही हैं। अगस्त, 2019 में जोकीहाट रेफरल अस्पताल की नर्सों ने अररिया के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर डॉ मो जावेद आलम के कारनामों की जानकारी दी थी। डॉ आलम नर्सों के आवश्यक बिल पास करने के बदले साथ सोने की शर्त रखता था।
इसी प्रकार का एक और सनसनीखेज मामला किशनगंज से सामने आया। एक नर्स का बलात्कार नर्सिंग होम संचालक के भाई ने किया। पीड़िता 4 महीने से किशनगंज के गाछपाड़ा स्थित एसएम हेल्थकेयर नर्सिंग होम में नर्स का काम सीख रही थी। इस वर्ष मई महीने की 4 तारीख को एक मरीज के भर्ती होने के कारण उसे नर्सिंग होम में ही रुकना पड़ा। उसी रात 11 बजे जब वह खा-पीकर अपने कमरे में थी तो नर्सिंग होम संचालक के भाई अशफाक ने उसके कमरे में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया।
इसी वर्ष मार्च महीने में पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार के कार्यालय में एक बुजुर्ग पिता फरियाद लेकर आए थे। उनकी लड़की साइबर बुलिंग की शिकार हो गई थी। फोन पर उसे रोज धमकी मिल रही थी। पूर्णिया के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव कुमार इसे कोई अनूठी घटना नहीं मानते। यह तो घटना का एक प्रकार है। कई लोग तो पुलिस तक जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते।
इन घटनाओं से एक ही बात सामने आ रही है कि पूर्णिया प्रमंडल में महिलाओं के साथ अपराध कुछ अधिक ही होने लगे हैं।
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