जर्मनी में कैथोलिक चर्च में व्याप्त यौन कुकृत्यों से जैसे जैसे पर्दा हट रहा है, उससे न सिर्फ चर्च के बड़े पादरी हतप्रभ हैं बल्कि अनुयायी तक हैरान हैं। गत कुछ वर्षों में ऐसी कई रिपोर्ट्स आई हैं जिन्होंने चच के प्याले में तूफान खड़ा कर दिया है। पादरियों के द्वारा बच्चों तक से दुर्व्यवहार किए जाने की घटनाओं का खुलासा हैरतअंगेज है।
यौनाचार के सबसे ज्यादा मामले जर्मन डायोसिस मुएनस्टर में देखने में आए हैं। यहां कैथोलिक पादरियों के हाथों दुर्व्यवहार के पीड़ित के रूप 600 युवाओं के नाम दर्ज किए गए हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि पीड़ितों की वास्तविक संख्या इससे 10 गुना ज्यादा हो सकती है। यह हैरान करने वाली रिपोर्ट दो दिन पहले ही सामने आई है।
एएफपी के अनुसार, मुएनस्टर विश्वविद्यालय की रिपोर्ट बताती है कि डायोसिस के पास दुर्व्यवहार के 610 पीड़ितों का आधिकारिक आंकड़ा है। यह 2018 के पिछले अध्ययन में दिए गए रुझानों से लगभग एक तिहाई ज्यादा है। जबकि अध्ययन में शामिल एक इतिहासकार नताली पॉवोरोज़निक का कहना है कि प्रांत में “करीब 5,000 से 6,000 लड़कियां और लड़के” पादरियों के दुर्व्यहार से पीड़ित हो सकते हैं।
रिपोर्ट आगे बताती है कि चर्च के पादरियों के वर्ग में से 196 पुरुष सदस्यों ने यौन शोषण के कम से कम 5,700 किए थे। इसमें 5 फीसदी सदस्य 10 से अधिक पीड़ितों के साथ क्रमिक अपराधी पाए गए हैं। जबकि 10 प्रतिशत से भी कम को किसी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 1960—1970 के दशक के बीच पादरियों का दुर्व्यवहार सबसे ज्यादा था। तब राज्य में हर हफ्ते औसतन दो मामले घटते थे।
पता यह भी चला है कि प्रत्येक चार पीड़ितों में से तीन लड़के थे, जिनमें से ज्यादातर 10 से 14 वर्ष की उम्र के थे। अध्ययन ने 27 मामलों में आत्महत्या की कोशिश के आभास के साथ, तनाव और आत्महत्या की सोच सहित, वयस्क उम्र में पहुंचने वाले पीड़ितों के लिए बहुत ज्यादा मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभावों की जानकारी दी है।
इस रिपोर्ट के आने के बाद मुएनस्टर के आर्चबिशप फेलिक्स जेन शायद 17 जून को इस पर विस्तार से प्रतिक्रिया देने वाले हैं। मुएनस्टर के 2009 से ही बिशप रहे जेन पर भी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि वे दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाए। हालांकि दो दिन पहले अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में जेन का कहना था कि वह “उन गलतियों के लिए स्वाभाविक तौर पर जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे जो उन्होंने यौन शोषण से निपटने में खुद की हैं।”
जर्मनी के कैथोलिक चर्च को हाल के कुछ वर्षों में ऐसी कई रिपोर्ट ने झकझोर कर रख दिया है। इन रिपोर्ट में पादरियों द्वारा छोटे बच्चों से व्यापक दुर्व्यवहार को सामने लाया गया है।
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