आखिरकार भारत के विदेश मंत्री और विभाग की कोशिशें कामयाब हुईं, चीन में पढ़ाई कर रहे उन भारतीय छात्रों में उम्मीद की किरण जागी है जो पिछले दो साल से कोविड प्रतिबंधों की वजह से भारत में ही अटक कर रह गए थे। नई दिल्ली स्थित चीन के दूतावास ने करीब दो साल बाद कोविड-19 वीसा नीति में सुधार किया है। अब भारत के छात्र ही नहीं, अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय फिर से चीन लौटकर अपनी पढ़ाई और काम आगे बढ़ा सकेंगे।
चीन दूतावास वापस चीन लौटने के इच्छुक दूसरे देशों के नागरिकों तथा उनके परिजनों से वीसा आवेदन करने को कहने वाला है। लेकिन चीन के दूतावास ने अपनी सूचना में यह स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल पर्यटन और अपने निजी कामों से जाने के इच्छुकों के लिए वीसा देने का काम अभी निलंबित ही रहेगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर से मानी जा रही है। 2020 के शुरुआती दिनों में वहां कोविड-19 महामारी को देखते हुए सख्त प्रतिबंध लगा दिए गए थे और विदेशियों के वीसा खत्म कर दिए गए थे। यही वजह थी कि भारत से वहां पढ़ने गए करीब 22 हजार छात्रों को स्वदेश लौटकर हालात के ठीक होने का इंतजार करना पड़ा। वे दो साल से ज्रूादा वक्त से भारत में ही ठहरने को मजबूर थे। उनके अलावा भारत के वहां कई पेशों से जुड़े लोगों और उनके परिजनों को भी वापस लौटना पड़ा था। ऐसे अनेक भारतीय पेशेवरों ने पिछले महीने ही भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से गुहार लगाई थी कि उनके चीन लौटने की चिंता करें। माना जा रहा है कि चीन सरकार का नया फैसला उन्हीं प्रयासों का परिणाम है।
चीन सरकार भी इस बीच ऐसे हजारों भारतीय छात्रों के आवेदनों पर भी काम आगे बढ़ा रही है, जिन्होंने पढ़ने के लिए चीन स्थित अपने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वापस लौटने की इच्छा व्यक्त की है। बता दें कि कोरोना महामारी फैलने से पहले भारत के करीब 22000 छात्र वहां पढ़ाई करते थे।
बहरहाल, चीन सरकार का यह कदम ऐसे हजारों भारतीय पेशेवर लोगों तथा उनके परिजनों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, जो गत दो वर्ष से भारत में ही रहने को मजबूर हैं। नई दिल्ली के चीनी दूतावास ने यह सूचना भी दी है कि भारतीयों के अतिरिक्त उन चीनी और विदेशी नागरिकों के परिजन भी अपने परिवार वालों अथवा रिश्तेदारों से मिलने जाने के लिए वीसा का आवेदन दे सकते हैं, जिनके पास चीन में रहने का स्थायी परमिट है।
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